निर्धारित है

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* संसार में, मेरे चाहने न चाहने से, कुछ नहीं होता। मैंने नहीं चाहा, द्रौपदी का चीर हरण हो पर हुआ। क्या मैंने चाहा था, सीता को रावण हर ले जाए ? प्रारब्ध का खेल तो, खेलना ही पड़ेगा मैंने भी खेला। बहुत सी घटनाएं, मेरे न चाहने पर भी, घटित … Read more

जीने का मज़ा लीजिये

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* जिस दर्द की कोई दवा नहीं, दुआ कीजिये। माना ग़ज़ब की है ये बला, अपने बुलन्द हौंसलों से, हवा का रुख़ बदल दीजिये। न घर को जेल समझो, मिला है वक़्त अपनों के साथ, जीने का मज़ा लीजिये। छोड़ कर शिक़ायत, प्रेम ‘प्रीत’ से अपने मन की, वीरान बगिया सजा … Read more

इंसान बनो

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* इंसान हो तो इंसान में, इंसानियत की कमी कैसी ? लब पे आह, आज हर आँख की कोर पे, नमी कैसी ? आग मज़हब की, नफ़रतों का धुआं उदास आसमां, ग़मज़दा ग़मी कैसी ? जो उगले आग, बरसाए गोले वो आसमां कैसा…! वो ज़मीं कैसी…? परिचय-श्रीमती तारा प्रजापत का उपनाम … Read more

रिश्ते भी एक दिवसीय हो गए

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* ‘वन-डे’ का ज़माना है तो आजकल रिश्ते भी, एक दिवसीय हो गए। आज याद दिलाया जाएगा, कि आप महिलाएं हैं और आज, ‘महिला दिवस’ है। बड़े जोर-शोर से मनाया जाएगा, आज महिलाओं के पुरातन स्वरूप का, नवीनीकरण होगा। महिला सम्मान में, कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, कई रैलियाँ निकाली जाएंगी। … Read more

बिछुड़े लम्हें

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* बिछुड़ गए कुछ लम्हें मुझसे, जाने क्यों मालूम नहीं ? पाया था उन लम्हों में मैंने, खुशियों का अनमोल खज़ाना। क्या होता है ? प्रेम का मतलब उन्हीं लम्हों में जाना। वो लम्हें हम कैसे भूले ? जीवनभर जो साथ चले, एक ऐसा मोड़ आया, वो मुँह मोड़ चले। और … Read more

बासन्ती रुत

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* बासन्ती रुत आयी, सखी री! बासन्ती रुत आयी। लहर-लहर चुनरी लहराई साजन सूरत जो हृदय बसाई, मनमोहक छटा मन भायीl सखी री! बासन्ती रुत आयी। पीली-पीली सरसों फूले मन मितवा संग झूला झूले, प्रीत ने ली अंगड़ाईl सखी री! बासन्ती रुत आयी। फूल खिले हैं डाली-डाली चाल चली गोरी मतवाली, … Read more

सैनिक

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* देश की सीमा पर जो तैनात है सैनिक, देश का मज़हब,और ये जात है सैनिक। धड़कता है दिल सदा वतन के नाम पर, सुरों की सरगम,सुरीले नग़मात है सैनिक। जज़्बा दिल में जिंदा है,वतन-ए-हिफ़ाजत, बुलन्द हौंसलें,पावन जज़्बात है सैनिक। हमारी हर खुशी,और सलामती के ख़ातिर, लुटाते खुशियां अपनी,दिन-रात है सैनिक। … Read more

रूहानी रिश्ता

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* एक अजीब-सा रिश्ता है हमारा, खून का नहीं दिल का। कोई नहीं हो मेरे फिर भी, अपने से लगते हो। निश्चित पूर्वजन्म का, कोई सम्बन्ध रहा होगा, जो हम तुमसे मिले। घड़ीभर भी, तेरे ख़्यालों से जुदा नहीं होते। मालूम नहीं क्यों ? एक बेचैनी लिये दिल तड़पता है, तेरे … Read more

यादें

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* यादें, आसमान से उतरी एक रात, ठहर गयी बोझिल पलकों पे। शुरू हुआ सफ़र तेरी याद की यादों का, लम्हा-लम्हा बहता गया, शुष्क आँखों से दर्द का सावन। सिसकते रहे अहसास दिल के तन्हा तन्हाई में, बंजारे की तरह भटक रहे हैं ख़्याल तेरे। दूर तक निशान नहीं कदमों के, … Read more

आभास

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* आज हृदय में एक अनोखी, पीड़ का आभास है। पुष्प की ज्यूँ पाँखुड़ी में, सुवास का वास है। वेदना के अधरों पर अनमनी-सी मुस्कान है, व्याकुल नयनों की छलकी गगरीl मन की बस्ती वीरान है, दिवस परेशान और संध्या उदास है। आज हृदय में एक अनोखी, पीड़ का आभास हैll … Read more