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रूहानी रिश्ता

तारा प्रजापत ‘प्रीत’
रातानाड़ा(राजस्थान) 
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एक अजीब-सा
रिश्ता है हमारा,
खून का नहीं
दिल का।
कोई नहीं हो मेरे
फिर भी,
अपने से लगते हो।
निश्चित पूर्वजन्म का,
कोई सम्बन्ध
रहा होगा,
जो हम तुमसे मिले।
घड़ीभर भी,
तेरे ख़्यालों से
जुदा नहीं होते।
मालूम नहीं क्यों ?
एक बेचैनी लिये
दिल तड़पता है,
तेरे नाम पर
धड़कता है।
फ़ासलों से,
अब कोई
फ़र्क नहीं पड़ता,
कि तू मुझसे भी
मेरे क़रीब रहता है।
कोई नाम नहीं
इस रिश्ते का,
ये सब रिश्तों से
न्यारा है और,
हमें जान से प्यारा हैll

परिचय-श्रीमती तारा प्रजापत का उपनाम ‘प्रीत’ है।आपका नाता राज्य राजस्थान के जोधपुर स्थित रातानाड़ा स्थित गायत्री विहार से है। जन्मतिथि १ जून १९५७ और जन्म स्थान-बीकानेर (राज.) ही है। स्नातक(बी.ए.) तक शिक्षित प्रीत का कार्यक्षेत्र-गृहस्थी है। कई पत्रिकाओं और दो पुस्तकों में भी आपकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं,तो अन्य माध्यमों में भी प्रसारित हैं। आपके लेखन का उद्देश्य पसंद का आम करना है। लेखन विधा में कविता,हाइकु,मुक्तक,ग़ज़ल रचती हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी पर कविताओं का प्रसारण होना है।

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