मुलाकात

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** तुझसे मुलाकात तो एक बहाना है, फूलों को मौसम की रंगत दिखाना है बात लब पर आने को मचलती है, बहारें मौसम पर आने को तरसती है। तुझसे मुलाकात तो एक बहाना है, फूलों को मौसम की रंगत दिखाना है…॥ मुलाकातों को गिनना नामुमकिन, धड़कता दिल बया ये सब मुमकिन … Read more

जब तन्हा होती हूँ..

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ जब तन्हा होती हूँ, टूटती हूँ,बिखरती हूँ। परछाईं अपनी देखती हूँ, तब खुद से मिलती हूँ। तन्हाई को अपनी,शब्दों में गढ़ती हूँ, जब कुछ लिखती हूँ। खिलती हूँ, निखरती हूँ, रंग खुद में भरती हूँ। मैं फिर से सम्हलती हूँ, जब तन्हा होती हूँ…॥ परिचय-श्रीमती अंतुलता वर्मा का साहित्यिक … Read more

गौरेया अँगना में आजा..

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** गौरेया इंसानों के साथ रहने वाला छोटा पक्षी(चिड़िया) वर्तमान में विलुप्ति की कगार पर जा पहुंचा है। ये छोटे-छोटे कीड़ों को खाकर प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में सहायक है। गौरेया के कम होने का कारण विकिरण का प्रभाव तो है ही,इसके अलावा उनकी देखभाल पर इंसानों का ध्यान कम … Read more

बच्चों को तराशने वाला जौहरी कौन ?

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ जिन पालकों के पास थोड़ा-बहुत पैसा आना शुरू होता है,वह अपने बच्चों को अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश करा देते हैं। रेत छानने के चलने में से बारीक रेत छन जाती है,व अनुपयोगी बंडे अलग रख दिये जाते हैं,वैसे ही अत्यंत दयनीय आर्थिक स्थिति वाले पालकों के अधिकांश बच्चे शासकीय … Read more

यादें

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** गुजर गए अपनों की, स्मृतियों को याद करके सोचता हूँ,कितना सूनापन है उनके बिनाl घर की उनकी संजोई हर चीज को जब छूता हूँ, तब उनकी जीवंतता का अहसास होने लगता, डबडबाई आँखों,भरे मन से एलबम के पन्ने उलटता, तब जीवन में उनके संग होने का आभास होता हैl उनकी … Read more

कोई अपना-सा हो दूर कहीं

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ बस यूँ ही,जी करता है, कोई अपना-सा हो,दूर कहीं जो बंधा हो दिल की डोर से, जिसका न कोई छोर हो, बस एक मजबूत डोर हो…l जिसके दूर होने पर भी, मेरे चेहरे पर नूर हो जब उसका कहीं जिक्र हो, और धड़कनें तेज़ हों शोर भी संगीत लगे, … Read more

राष्ट्र की शोभा ‘हिंदी’ से है

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. अंग्रेजी में साइन कर ‘हिंदी दिवस’ मनाता हूँ, आप सुनें ना सुनें,पर मैं एक गीत सुनाता हूँ। मैं वह हूँ,जहां अच्छे से अच्छा कलाकर भी नहीं पहुंच पाता, शब्द लड़ी बनाने आसमान से पाताल,चारों दिशाओं में जाता। मैं कवि बना हूँ,कविता को नया आयाम दिलाने … Read more

बाल मन का कौतूहल

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ पिताजी एक सन्दूक नुमा यंत्र लाये,उसे घर लाकर उन्होंने ऊंचे स्थान पर टांग दिया तथा एक लंबी-सी चमकदार डंडी खींची तो वह लम्बी हो गयी। फिर एक तारों वाली जाली घर के बाहर दो खूंटियों पर बांध उसमें एक तार बांधकर उसे लम्बी डंडी के ऊपरी छोर पर लपेट … Read more

पापियों के विनाश तथा धर्म स्थापना के लिए हर युग में प्रकट होते हैं जगद्गुरु

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने का आरंभ पुरातन काल से ही है। भादौ माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर इसे मनाया जाता है। इस दिन मटकी फोड़ प्रतियोगिता करने के साथ-साथ विभिन्न स्पर्धाएं भी की जाती है। चल समारोह का आयोजन किया जाता है,प्रसाद भी … Read more

माल खाये माटी का,गीत गाये बीरा के

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ प्रथम चरण में राष्ट्रीय नेतृत्व ने शानदार कार्य किया। उसका परिणाम द्वितीय पारी भारी बहुमत के साथ शुरू करने का आदेश मिला तो अब आमजन की भावना के अनुरूप देश की समस्याओं को चुस्त-दुरुस्त करने का अभिजीत प्रयास चल रहा है। १९४८ में कबायली और पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत … Read more