अब न सहेंगें धमकी…आ गया ‘राफेल’

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’बरेली(उत्तर प्रदेश)********************************************************************** नाक में दुश्मनों की डाल दी नकेल है,देखो आ गया अब भारत में 'राफेल' हैसंभल जाओ भारत के दिशाहीन गद्दारों,इरादा आतंक फैलाने का,हो गया अब…

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प्रतीक्षा

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’बरेली(उत्तर प्रदेश)********************************************************************** 'प्रतीक्षा' में एक बात चली,क्या तुमने सुनी,क्या तुमने सखी।'कोरोना' से पीड़ित हैं बिग बी,अरे,हाँ सखी,अरे,हाँ सखी॥ कर रहे थे प्रतीक्षा 'कौन बनेगा करोड़पति',कैसे भगाए कोरोना,समझा…

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न चल पाएगी ये मक्कारी

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’बरेली(उत्तर प्रदेश)********************************************************************** भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष…… चीन की देखो ये मक्कारी,भारत से रिश्तों को,भुना रहा व्यापारी।उसी की ये योजना है सारी॥ १९८१ से बना…

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मत करो इनका बचपन कुरूप

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’बरेली(उत्तर प्रदेश)********************************************************************** 'बाल श्रम दिवस' १२ जून विशेष ये ईश्वर स्वरूप,ये देव रूप,मत करो इनका बचपन कुरूप।तन कोमल,मन निर्मल है,ये माखन चोर कृष्ण स्वरूप॥ ये भविष्य देश…

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महाराणा प्रताप…सत्ता का न लोभ जरा

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** आओ वीरों तुम्हें सुनाएं, कथा वीर महान प्रताप की। खाकर रोटी घास की जिसने, न परवाह की अकबर की ललकार की। अपने बल…

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अब बचा नहीं कुछ गंवाने को

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** कोई पीता गम भुलाने को, कोई पीता समय बिताने को। दो घूंट पिला दे साकी, अब बचा नहीं कुछ गंवाने को। मैं शराबी…

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सामाजिक सम्बन्धों को और मजबूत कर देती है दूरी..

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ****************************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. "दूर नहीं वो होते,जो दिल के करीब होते हैं,ये तो वक्त की मजबूरी है,तन और मन एक नहीं होते…

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आदमी का कर्ज

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** हर आदमी,आदमी का कर्जदार है, भाई बहन का,बेटा मात-पिता का निभाता हर फर्ज है, इसी का नाम तो कर्ज है। कोई फर्ज का…

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खो गई मानवता

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** कल-कल करता कलियुग,मानव शरीर अब मशीन हो गए, खो गई मानवता,चलते-फिरते रोबोट हो गए। नेता हो या अभिनेता,कुर्सी सबको प्यारी है, पद पाने…

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मानव का प्रकृति से आत्मसमर्पण

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति है तो मानव है,वरना मानव अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। प्रकृति से प्राणवायु,जीवनयापन के साधन,औषधि और रत्नों…

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