उम्मीद
गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* जबसे हमने होश संभाला है, उम्मीदों को ही पाला है शाम को पापा आएंगें, खेल-खिलौने लाएंगे। पूरा दिन इसी इंतजार में निकाला है, हमने उम्मीदों को ही पाला है…॥ उम्मीद थी पिता को बहुत, बेटा नाम कमाएगा मेहनत कर इस दुनिया में, कुछ तो कर दिखलाएगा। किन्तु बेगारी … Read more