कुल पृष्ठ दर्शन : 377

आतंकवाद एक खतरा

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
*************************************************
खतरा बना आज यह भारी,विश्व प्रताड़ित है सारा।
देखो कर लो गौर मानवी,मनु विकास इससे हारा।

देश-देश में उन्मादी नर,आतंकी बन जाते हैं।
धर्म वाद आधार बना कर,धन-दौलत पा जाते हैं।

भाई-चारा तोड़ आपसी,सद्भावों को मिटा रहे।
हो,अशांत परिवेश समाजी,अपनों को ये पिटा रहे।

भय-आतंकवाद का खतरा,दुनिया में मँडराता है।
पाक पड़ौसी इनको निशदिन,देखो गले लगाता है।

मानवता के शत्रु बने ये,जो खुद के भी सगे नहीं।
कट्टरता उन्माद खून में,गद्दारी की लहर बही।

बम विस्फोटों से बारूदी,करे धमाके नित नाशक।
मानव बम भी यह बन जाते,आतंकी ऐसे पातक।

अपहरणों की नित्य कथाएँ,हत्या लूट डकैती की।
करें तस्करी चोरी करते,आदत जिन्हें फिरौती की।

मादक द्रव्य रखें,पहुँचाए,हथियारों का नित धंधे।
आतंकी उन्मादी होकर,बन जाते हैं मति अंधे।

रूस चीन जापान ब्रिटानी,अमरीका तक फैल रहे।
भारत की स्वर्गिक घाटी में,देखें सज्जन दहल रहे।

बने सख्त कानून विश्व में,मारें बिन सुनवाई के।
मानवता भू रहे शांति पथ,हित देखो जगताई के।

जेल भरे मत बैठो इनसे,रक्षा खातिर बंद करो।
वैदेशिक नीति कुछ बदलो,तुष्टिकरण पाबंद करो।

गोली का उत्तर तोपों से,अब तो हमको देना है।
मानवता को घाव दिए जो,उनका बदला लेना है।

गोली मारो फाँसी टाँगो,प्रजा हवाले इन्हें करो।
उड़ा तोप से सभी ठिकाने,कह दो अपनी मौत मरो।

जगें देश मानवता हित में,सोच बना लें सब ऐसी।
करो सफाया आतंकी का,सूत्र निकालो अन्वेषी।

मिलें देश सब संकल्पित हों,आतंकी जाड़े खोएँ।
विश्व राज्य की करें कल्पना,बीज विकासी ही बोएँ।

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैl राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैl सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंl शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैl आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैl

Leave a Reply