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तिरंगा प्यारा

संजय जैन 
मुम्बई(महाराष्ट्र)

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सुनो मेरे देशवासियों,
मनाने जा रहे
७२वां गणतंत्र दिवस,
कुछ संकल्प ले लो।
नहीं करेंगे कोई भेद,
हम जाति और धर्म पर
समान भाव सबके प्रति,
हम सब रखेंगे मिलकर।
तभी हमारा ये देश,
दिखेगा विश्व में विशेषll

हमें इस पर है अभिमान,
और इससे बहुत है हमें प्यार
इसलिए नहीं गिरने देंगे,
इसका कभी स्वाभिमान।
लड़ेंगे इसके लिए एकसाथ,
नहीं आने देंगे कोई आंच
ये हमारा देश है हिंदुस्तान,
जो हमको प्राणों से प्यारा है।
हम दे देंगे चाहे अपने प्राण,
पर तिरंगे को कभी झुकने नहीं देंगेll

चाहे कोई भी हो वो शैतान,
यदि करेगा देश से गद्दारी
तो उसको देंगे मृत्यु दंड,
इसे हम कैसे अकेला छोड़ देंl
इसलिए संजय कहता है,
कि दिल से करो इसे प्यार।
और निभाओ अपना फर्ज तुम।
ये हमारा देश है हिंदुस्तान,
जो हम सबको प्राणों से प्यारा है।
ये तिरंगा है हमारी शान,
इसे कैसे हम अकेला छोड़ देंll

परिचय– संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।

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