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अलग-अलग दो दीप

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’
लखीमपुर खीरी(उप्र)
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गांधी जयंती विशेष…..


दो अक्तूबर को जले,अलग-अलग दो दीप।
कृषक मसीहा एक ‘शिव’,दूजा सत्य प्रदीप॥

लाल बहादुर लाल सा,नहीं जगत में लाल।
समरसता अरु सादगी,उनकी बनी मिसाल॥

‘गाँधी’ ‘शास्त्री’ ने किया,सभी दिलों पर राज।
जन्म जयंती पर उन्हें,करता नमन समाज॥

सत्य अहिंसा न्याय का,फैलाया सन्देश।
बापू के आदर्श से,नतमस्तक है देश॥

देशभक्ति अरु सादगी,की ‘शिव’ एक मिसाल।
गौरव भारत भाल के,बनें बहादुर लाल॥

बापू-शास्त्री पर करें,भारतवासी गर्व।
दो अक्टूबर इसलिए,बना राष्ट्रीय पर्व॥

नमन ‘महात्मा’-‘लाल’ को,जन्म दिवस पर आज।
तन मन धन सब कुछ किये,अर्पित हेतु स्वराज॥

परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक उपनाम ‘शिव’ है। १० अप्रैल १९८९ को सीतापुर(उप्र)में जन्मे शिवेन्द्र मिश्र का स्थाई व वर्तमान बसेरा मैगलगंज (खीरी,उप्र)में है। इन्हें हिन्दी व अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। जिला-लखीमपुर खीरी निवासी शिवेन्द्र मिश्र ने परास्नातक (हिन्दी व अंग्रेजी साहित्य) तथा शिक्षा निष्णात् (एम.एड.)की पढ़ाई की है,इसलिए कार्यक्षेत्र-अध्यापक(निजी विद्यालय)का है। आपकी लेखन विधा-मुक्तक,दोहा व कुंडलिया है। इनकी रचनाएँ ५ सांझा संकलन(काव्य दर्पण,ज्ञान का प्रतीक व नई काव्यधारा आदि) में प्रकाशित हुई है। इसी तरह दैनिक समाचार पत्र व विभिन्न पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हैं। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार देखें तो विशिष्ट रचना सम्मान,श्रेष्ठ दोहाकार सम्मान विशेष रुप से मिले हैं। श्री मिश्र की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा की सेवा करना है। आप पसंदीदा हिन्दी लेखक कुंडलियाकार श्री ठकुरैला व कुमार विश्वास को मानते हैं,जबकि कई श्रेष्ठ रचनाकारों को पढ़ कर सीखने का प्रयास करते हैं। विशेषज्ञता-दोहा और कुंडलिया केA अल्प ज्ञान की है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार (दोहा)-
‘हिन्दी मानस में बसी,हिन्दी से ही मान।
हिन्दी भाषा प्रेम की,हिन्दी से पहचान॥’

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