कुल पृष्ठ दर्शन : 309

You are currently viewing हमसे होती तुम्हारी कहानी पूरी

हमसे होती तुम्हारी कहानी पूरी

तृप्ति तोमर `तृष्णा`
भोपाल (मध्यप्रदेश)
****************************************

महिला दिवस स्पर्धा विशेष……

तुम केन्द्र हो तो हम हैं धुरी,हमसे होती तुम्हारी कहानी पूरी,
जिनके बिना सृष्टि,और सृष्टि की हर रचना है अधूरी।

समस्त पृथ्वी की जीवन-शैली के लिए इनका अस्तित्व है जरूरी,
क्या केन्द्र,क्या धुरी,क्या चक्रण,इनका तो हर प्रतीक है चमत्कारी।

जन्म से लेकर मृत्यु तक अनेक रूप,रिश्तों में खुद को पिरोया,
जिंदगी के हर खट्टे-मीठे एहसास को दिल से जिया।

इनकी प्रत्येक झलक में होती है एक नए रुप की व्याख्या,
इसने हर चुनौती को सहर्ष स्वीकारने का साहस दिखाया।

इन्होंने ही किसी भी परिस्थिति को संभालना सिखाया,
अपने सभी कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाया।

हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान,अपना नाम बनाया,
अपने जैसे कई लोगों को सफलता का मार्ग दिखाया।

ये है परमपिता परमेश्वर की दुर्लभ,अद्वितीय रचना,
बहुत अलग,अद्भुत है इसकी कार्यप्रणाली की संरचना।

सबकी नजर औऱ सोच से भी बहुत बहुत ऊपर है इसकी परिकल्पना,
है ये सटीक कथन ‘तुम केन्द्र-हम धुरी’ नहीं तो रहते जैसे एक सपना॥

परिचय-तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं।यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। आपका  साहित्यिक उपनाम-तृष्णा है। जन्मतिथि २० जून १९८६ एवं जन्म स्थान-विदिशा(म.प्र.) है। वर्तमान में भोपाल के जनता नगर-करोंद में निवास है। प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है। एम.ए. और  पीजीडीसीए शिक्षित होकर फिलहाल डी.एलएड. जारी है। आप अधिकतर गीत लिखती हैं। एक साझा काव्य संग्रह में रचना प्रकाशन और सम्मान हुआ है। 

Leave a Reply