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जल बिना सब शून्य

सविता धर
नदिया(पश्चिम बंगाल)
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ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष…

चाहे मनुष्य हो या जीव-जंतु सभी के लिए जल आवश्यक है। प्रत्येक प्राणी के लिए ३ चीजें बहुत आवश्यक है-जल,वायु व भोजन।यह तीनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं,केवल प्राणियों के लिए ही नहीं, वरन वनस्पतियों के लिए भी जल परमावश्यक है। मानव को प्रातः काल से लेकर दिनभर जल की आवश्यकता है। अस्पतालों,विद्यालयों,दफ्तरों यानी कि सभी क्षेत्रों में जल आवश्यक है। जल बिना सब शून्य है,पूरा कार्य कर्म ठप्प हो जाएगा। जलाभाव में पेड़-पौधे,खेत-खलिहान सूख जाएंगे,मतलब जल के बिना प्राणी जीवन और वनस्पति जगत कल्पनातीत है। जब जीवन में जल का इतना महत्व है,तो क्यों न हम इसे बचाएं। भावी जीवन को संकट में न डालें। आजकल गाँवों में जलाशय सूखने लगे हैं,और कूप दिखाई नहीं देते हैं। शहरों में भी जल का स्तर बहुत कम होता जा रहा है। गंगा में कल कारखानों, अस्पतालों,मकानों के वर्ज्य पदार्थ डालने के कारण गंगा का जल भी विषाक्त हो गया है। इसीलिए, सरकार की ओर से बहुत से कदम उठाए जा रहे हैं, पर हमारा भी कर्तव्य है कि हम जहां-जहां जल संसाधन है,उसकी साफ-सफाई का ध्यान रखें तो जल को अनावश्यक न बहाएं। यदि हम ऐसा नहीं करेंगे,तो वह दिन दूर नहीं जब चारों ओर मरुस्थल ही मरुस्थल दिखाई देगा और एक बूंद जल के लिए भी मीलों भटकते रहेंगे। अभी भी समय है,जाग जाइए। वनस्पति को हरियाली से भूषित करें,और प्राणी जगत को संकट से बचाकर खुशहाल करें।

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