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यारी निभाई

अलका जैन
इंदौर(मध्यप्रदेश)

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यार बेहाल था मदद की दरकार रही,
यारी निभाई दिवाने दिल ओ जान सेl
मुसीबत निकल गई यार बदल गया,
दिल ने अश्क बहाए बेइन्तिहा गम पालेl
समय का चक्र चलता गया रफ्तार से,
फिर वही मंजर आए जिंदगी में हमारीl
यार बेहाल था मदद की दरकार रही…
यारी निभाई दिवाने ने दिल ओ जान सेll

दुसरा यार भी अहसान भुला बैठा दिवाने का,
ग़म दिवाने ने कहा पाला सयाना हो चला दिलl
जिंदगी का राज जान गया दिवाना समय पर,
वो वक्त सार्थक हो चला जो औरों के काम आताl
जब कभी मदद की दरकार सुनाई दी हम हाजिर,
जिन्दगानी संवरती रही हम नाखुदा पुकारे गएl
जन्म सफल हो गया जीवन मिशन हो गया,
और क्या चाहिए था दिवाने मस्ताने कंधों यारl
यार बेहाल था मदद की दरकार रही…,

यारी निभाई दिवाने ने दिल ओ जान सेll

परिचय-अलका जैन का निवास इंदौर(मध्यप्रदेश) में हैl इनकी जन्म तिथि ८ अक्तूबर १९५७ और जन्म स्थान धार(मप्र) हैl स्थाई रूप से शहर इंदौर में सी बसी हुई अलका जैन का कार्यक्षेत्र भी इंदौर ही हैl आप सामाजिक गतिविधियों के अन्तरगत विधवा विवाह करवाने,हास्य-कवि सम्मेलन,नृत्य कला आदि में सक्रिय रहती हैंl आप काव्य सहित विभिन्न विधाओं में लेखन करती हैंl १९८० से सतत लिखने में सक्रिय अलका जैन को हिन्दी भाषा का ज्ञान हैl प्रकाशन में उपन्यास-पामेला है तो रचनाओं का प्रकाशन लेख,ग़ज़ल,गीत,कहानी आदि के रूप में पत्र पत्रिकाओं में हुआ हैl इनके खाते में सम्मान के रूप में श्रीलाल शुक्ल स्मारक राष्ट्रीय संगोष्ठी समिति(हैदराबाद) से मान सहित मालवा रत्न, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड और विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मान आदि हैl इनकी विशेष उपलब्धि हास्य का पुरस्कार मिलना हैl लेखनी का उद्देश्य-समय का सदुपयोग करना हैl प्रेरणा -कबीर दास जी हैंl रूचि नृत्य,सत्संग,फैशन,मुशायरे में शिरकत और लेखन हैl

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