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खुद को बचाते हुए बढ़ना होगा

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’
ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर)

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जिस प्रकार जिव्हा दांतों में खुद को बचाते हुए अपना सम्पूर्ण कार्य कुशलता पूर्वक करती है। उसी प्रकार हमें अपने-आपको चारों दिशाओं से ‘कोरोना’ के चक्रव्यूह को भेदते हुए जीवन-यापन करना होगा,तभी हम स्वयं को बचाने में सफल होंगे।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा जो भी प्रयास किए गए,वह अत्यंत सराहनीय थे,जिनके दूरगामी सकारात्मक परिणाम विश्व विश्लेषण एवं मूल्यांकन में स्पष्ट होंगे।
कोरोना काल में एक अत्यंत महत्वपूर्ण सरकारी कर्मियों की उल्लेखनीय क्रिया यह सामने आई है कि जो कार्य वर्षों में नहीं होते थे,वह एक दिन में होने लगे हैं।
कटु सत्य यह भी वर्णनीय है कि राजनीतिक मंत्रिमंडल तो परिवर्तित होते थे किन्तु सरकार के कार्यों में टस से मस का अंतर भी नहीं आता था,वो अंतर कोरोना काल में आ रहा है। यानि अच्छे और बुरे अधिकारियों-कर्मचारियों की पहचान हो रही है।फलस्वरूप उन्हें दण्ड और प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है,जिसका श्रेय निःसंदेह केन्द्र सरकार के मंत्रिमंडल को जाता है,जिससे प्रशासन चुस्त और दुरुस्त होने के साथ-साथ जवाबदेह भी हो रहा है,जो राष्ट्र के स्वाभिमान एवं विकास सहित विश्व में आगे बढ़ने के शुभ संकेत हैं।

परिचय–इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैl इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैl वर्तमान और स्थाई निवास तहसील ज्यौड़ियां,जिला-जम्मू(जम्मू कश्मीर)हैl राज्य जम्मू-कश्मीर के श्री बाली की शिक्षा-पी.यू.सी. और शिरोमणि हैl कार्यक्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों से लड़ना व आलोचना है,हालाँकि एसएसबी विभाग से सेवानिवृत्त हैंl सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप पत्रकार,समाजसेवक, लेखक एवं भारत के राष्ट्रपति पद के पूर्व प्रत्याशी रहे हैंl आपकी लेखन विधा-लघुकथा,ग़ज़ल,लेख,व्यंग्य और आलोचना इत्यादि हैl प्रकाशन में आपके खाते में ७ पुस्तकें(व्हेयर इज कांस्टिट्यूशन ? लॉ एन्ड जस्टिस ?(अंग्रेजी),कड़वे सच,मुझे न्याय दो(हिंदी) तथा डोगरी में फिट्’टे मुँह तुंदा आदि)हैंl कई अख़बारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंl लेखन के लिए कुछ सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैंl अपने जीवन में विशेष उपलब्धि-अनंत मानने वाले परवाज़ मनावरी की लेखनी का उद्देश्य-भ्रष्टाचार से मुक्ति हैl प्रेरणा पुंज-राष्ट्रभक्ति है तो विशेषज्ञता-संविधानिक संघर्ष एवं राष्ट्रप्रेम में जीवन समर्पित है।

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