ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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बहुत हँसते थे,
अपनों के साथ बैठकर
जिंदगी ने आज,
रोना सिखा दिया।
ग़म बांटते थे सभी,
साथ मिलकर
जिंदगी ने अकेला,
रहना सिखा दिया।
शौक़ तो बहुत पाले थे,
हमने भी जीने के
मगर अपनों ने गहरा,
अनुभव करा दिया।
कुछ ठोकरें,
ऐसी भी खाई जीवन में।
जिंदगी ने अब,
चुप रहना सिखा दिया॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।