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कहानी सम्राट प्रेमचंद

सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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मुंशी जी-कथा संवेदना के पितामह…

हैं सम्राट कहानी के,
छोटी-छोटी सी बात कही
जिस युग की छवि इंगित की है,
उस युग की सारी बात कही
कैसे होरी का क़र्ज़ बढ़ा,
क्या थी धनिया की व्यथित कथा
किस हाल में जीता था किसान,
बस लिख डाला विस्तृत बयान
हामिद का चिमटा हो गया प्रसिद्ध,
‘बूढ़ी काकी’ का हाल लिखा।
भाषा भी सीधी-साधी थी,
जिसमें निज मन का भाव लिखा॥
अपनी इन पंक्तियों द्वारा मैं प्रेमचन्द जी के बारे में विचार व्यक्त करना चाहती हूँ कि, उनके मन का पवित्र प्रेम मानसिक कलुषता को दूर करता है और मानव जीवन में नई ज्योति प्रदान करता है। प्रेमचन्द जी की कहानियाँ भारतीय साहित्य की धरोहर हैं और आज भी पाठकों के दिलों पर राज करती हैं। उनकी कहानियों में समाज की सच्चाई, ग्रामीण जीवन और मानवीय संबंधों के बारे में गहन विश्लेषण होता है।
कहानियों में प्रेमचंद जी ने समाज की सच्चाई को उजागर किया है और मानवीय संबंधों की गहराई को दर्शाया है। साहित्य रूप में या कुरूप में सबमें सौंदर्य की खोज करता है। वह सब तत्वों का आकर्षक रूप में वर्णन करता है, यदि वह केवल सुंदरता का वर्णन करता है तो वह कृत्रिम हो जाता है। यदि जीवन में सुख है तो दु:ख भी है, अच्छे दृश्य हैं तो बुरे दृश्य भी हैं।
प्रेमचन्द जी ने न तो अतीत के गुण गाए और न ही भविष्य की मोहक कल्पनाओं का पाठकों के सामने भ्रमजाल फैलाया। प्रेमचंद जी की कहानियों की कुछ विशेषताएँ हैं-
🔹यथार्थवाद-प्रेमचंद जी की कहानियों में समाज की सच्चाई और यथार्थ को दर्शाया गया है।
🔹ग्रामीण-जीवन उनकी कहानियों में ग्रामीण जीवन के संघर्षों और चुनौतियों को प्रमुखता से दिखाया गया है।
🔹मानवीय संबंध-प्रेमचंद जी की कहानियों में मानवीय संबंधों की गहराई और जटिलता को दर्शाया गया है।
🔹सामाजिक आलोचना-उनकी कहानियों में सामाजिक बुराइयों और अन्याय की आलोचना की गई है।
🔹सरल और स्पष्ट भाषा-प्रेमचंद जी की कहानियों की भाषा सरल और स्पष्ट है, जो पाठकों को आसानी से समझ में आती है।
🔹पात्रों की विविधता-उनकी कहानियों में विभिन्न पात्रों को विभिन्न स्तरों पर दिखाया गया है, जो पाठकों को आकर्षित करते हैं।
🔹संदेश-प्रेमचंद जी की कहानियों में सामाजिक और नैतिक संदेश दिए गए हैं, जो पाठकों को सोचने और विचार करने के लिए प्रेरित करते हैं। इन विशेषताओं के कारण कहानियाँ आज भी पाठकों के दिलों पर राज करती हैं। ‎
प्रेमचन्द की कहानियों में यथार्थ और आदर्श के समन्वय से सच्ची प्राण-प्रतिष्ठा की गई है। मानवीय दुर्बलताएँ उनके पात्रों में भी मिलती हैं, परन्तु ऐसी मान्यताएँ ही तो मानव को मानव बनाती हैं, अन्यथा निर्दोष चरित्र तो देवताओं में भी मिल जाता है। आपका साहित्य उस ग्रामीण जनता का है, जिसका जीवन अंधविश्वास और अज्ञान से बुरी तरह पिस रहा है।जीवन में न कोई आशा है और न कोई उमंग। यही कारण है कि, प्रेमचंद अपने पात्रों को एक ऐसा सजीव रूप देते हैं कि, पाठक की सहानुभूति उन्हें सहज में ही प्राप्त हो जाती है।
प्रेमचंद जी की कहानियों में सामाजिक शिक्षा के कई पहलू हैं-
🔸सामाजिक अन्याय के विरुद्ध- उनकी कहानियों में सामाजिक अन्याय, जैसे-जाति प्रथा, लिंग भेदभाव और गरीबी के विरुद्ध आवाज उठाई गई है।
🔸शिक्षा का महत्व-प्रेमचंद जी की कहानियों में शिक्षा के महत्व को दर्शाया गया है, खासकर महिलाओं और गरीबों के लिए।
🔸नैतिक मूल्यों का पालन- कहानियों में नैतिक मूल्यों, जैसे- सत्य, न्याय, और करुणा का पालन किया गया है।
🔸सामाजिक सुधार-प्रेमचंद जी की कहानियों में सामाजिक सुधार की आवश्यकता को दर्शाया गया है, जैसे-विधवा विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध।
🔸मानवता की एकता-कहानियों में मानवता की एकता और भाईचारे को दर्शाया गया है, जो सामाजिक शिक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
🔸स्त्री अधिकार-प्रेमचंद जी की कहानियों में स्त्री अधिकारों की लड़ाई को दर्शाया गया है, जैसे- महिलाओं की शिक्षा और स्वतंत्रता।
🔸ग्रामीण विकास-उनकी कहानियों में ग्रामीण विकास और किसानों की समस्याओं को दर्शाया गया है।
इन सामाजिक शिक्षाओं के माध्यम से एवं प्रेमचंद जी ने कहानियों के माध्यम से समाज में जागरूकता और परिवर्तन लाने का प्रयास किया है। ‎
प्रेमचंद जी की कहानियों की भाषा सरल, स्पष्ट और सहज है, जो पाठकों को आसानी से समझ में आती है।
प्रेमचंद जी की कहानियाँ उस समय की कई परिस्थितियों का अवलोकन कराती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं-
◾भारतीय ग्रामीण जीवन-आपकी कहानियों में भारतीय ग्रामीण जीवन के संघर्षों, चुनौतियों और सौंदर्य को दर्शाया गया है।
◾ब्रिटिश शासन का प्रभाव- कहानियों में ब्रिटिश शासन के प्रभाव, जैसे-शोषण, दमन और सांस्कृतिक परिवर्तन को दर्शाया गया है।
◾किसानों की समस्याएं- कहानियों में किसानों की समस्याएँ, जैसे-जमींदारों का शोषण, कर्ज और प्राकृतिक आपदाओं के सामने को दर्शाया गया है।
◾शहरीकरण और आधुनिकता- प्रेमचंद जी की कहानियों में शहरीकरण और आधुनिकता के प्रभाव, जैसे-सांस्कृतिक परिवर्तन और मूल्यों के टकराव को दर्शाया गया है।
◾राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन-कहानियों में राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन, जैसे- स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधार के लिए संघर्ष को दर्शाया गया है।
इन परिस्थितियों का अवलोकन करके प्रेमचंद जी की कहानियाँ उस समय के समाज का एक विश्वसनीय चित्र प्रस्तुत करती हैं। ‎
प्रेमचंद जी को ‘कहानी सम्राट’ कहा जा सकता है, क्योंकि उनकी कहानियों में निम्नलिखित गुण हैं-
🔘व्यापक दृष्टिकोण-कहानियों में व्यापक दृष्टिकोण है, जो समाज की विभिन्न परतों को उजागर करता है।
🔘गहराई और विस्तार-कहानियों में गहराई और विस्तार है, जो पाठकों को कहानी के साथ जुड़ने में मदद करता है।
🔘सामाजिक संदेश-प्रेमचंद जी की कहानियों में सामाजिक संदेश है, जो पाठकों को सोचने और विचार करने के लिए प्रेरित करता है।
🔘साहित्यिक कौशल-कहानियों में साहित्यिक कौशल है, जो पाठकों को आकर्षित करता है।
🔘अमिट प्रभाव-प्रेमचंद जी की कहानियों का अमिट प्रभाव है, जो पाठकों के दिलों पर राज करता है।