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कैसे होगा राष्ट्र विकास ?

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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मुफ्तखोरी और राष्ट्र का विकास….

बढ़ रही है मुफ्तखोरी,
कैसे होगा राष्ट्र का विकास ?
अन्तर्मन में प्रेम नहीं है,
बढ़ रही है सिर्फ खटास।

हराम की अंधी कमाई से,
कैसे होगा जीवन पास ?
भ्रष्टाचारी भक्षक बन कर,
लूट रहे हैं दिन और रात।

देश हमारा लाचार हुआ है,
गरीब हो रहा जिंदा लाश
न्याय व्यवस्था अपंग हो गई,
कैसे करें अब न्याय की आस!

ईमानदारी पर चलने वाले,
पग-पग पर हो रहे हैं परास्त
भ्रष्टाचारी फल-फूल रहे हैं,
कैसे होगा राष्ट्र का विकास ?

दया, धर्म और नेक कमाई से,
जीवन अपना होगा पास।
बेईमानी और छल-कपट से,
कभी ना होगा घर में उजास॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।