बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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जीवन की आशा यही,जी लूँ उम्र तमाम।
रोग दोष आये नहीं,ले लूँ प्रभु का नाम॥
सदा स्वस्थ यह तन रहे,रहे न कोई रोग।
उत्तम दिनचर्या रहे,हर पल का उपयोग॥
मानव सेवा कर चलूँ,शक्ति मिले भरपूर।
अपने चरणों से मुझे,मत करना प्रभु दूर॥
आशा दाता से करूँ,रखना मेरी लाज।
इन नैनों में आपकी,मूर्ति बसाऊँ आज॥
यह जीवन है आपका,हमको पुतला जान।
जैसा नाच नचाइये,कृपा रहे भगवान॥