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नववर्ष-नवचेतना

मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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नया सबेरा, नयी आशाएँ, नए संकल्प…

आने वाला है नया साल,
संग अपने लेकर कुछ नये उपहार।

बीते समय की यादों को साथ लिए,
हम संजोएंगे अब कुछ पल नये।

खट्टे-मीठे से थे यह, कुछ बातें पुरानी,
नये साल के नए दौर की होगी नयी कहानी।

संकल्प करें हम अपने-आपसे,
न हारे थे न हारेगें किसी बात से।

यह बदलता हुआ समय हमें कई बात सिखाता है,
समय के साथ चलना है यह बताता है।

जैसे समय रुकता नहीं है किसी के लिए,
वैसे हमें भी नहीं रुकना है किसी क्षण के लिए।

हर पुराना साल एक सीख सिखाता है,
जो जीवन जीने के तरीके को बदल जाता है।

स्वागत करेंगे हम भी नये वर्ष का,
यह अवसर है हर्ष और उमंग का।

नए वर्ष में नए विचारों का संकलन करना है,
स्वयं को और नए तरीकों से परखना है।

आने वाली हर चुनौती को काटना है,
केवल खुशियों से ही जीवन को संपन्न और बाँटना है॥