डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’
जोधपुर (राजस्थान)
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प्यारी रंगीली चूड़ियाँ,
सुंदर-सी खनखन करती चूड़ियाँ
छन-छन करती मन बहलाती चूड़ियाँ,
नारी का सुहाग दर्शाती चूड़ियाँ।
लाल, पीली, हरी ,नीली चूड़ियाँ,
काले-गोरे का फर्क मिटाती चूड़ियाँ
रोते हुए को हँसाती है चूड़ियाँ,
सबके दिल में बस जाती है चूड़ियाँ।
खुशहाली लाती चूड़ियाँ,
महिलाओं का श्रृंगार चूड़ियाँ।
पुरुष का उपहार चूड़ियाँ,
सावन की हरियाली चूड़ियाँ॥