कुल पृष्ठ दर्शन : 323

You are currently viewing बस डूबे रहें सावन की मस्ती में

बस डूबे रहें सावन की मस्ती में

मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’
मुम्बई (महाराष्ट्र)
******************************************

मेघ, सावन और ईश्वर…

प्रकृति की सुंदरता लिए हरियाली की चुनर ओढ़े,
बादलों से बरस रहीं रिमझिम फुहारें हैं,
यह सावन मास की तैयारी है।

हरा वस्त्र, हरी चूड़ी, हरी बिंदी और हाथों में लगी मेहंदी,
श्रृंगार के रस में सिमटी हुई है हर एक बहन-बेटी।

यह सावन तो भोलेनाथ का पावन महीना है,
सोमवार का उपवास है और जगह-जगह लगता मेला है।

शिव भक्तों की भक्ति का सैलाब है,
शिव शक्ति के पूजन का यह सावन सौभाग्य है।

शिवालयों में गूँजते हर-हर महादेव के जयकारे हैं,
क्या बच्चे, क्या वृद्ध सब महादेव के प्यारे हैं।

संकेत है सावन प्रकृति में सकारात्मक बदलाव का,
संदेश है सावन खुशहाली, भक्ति व विश्वास का।

बस डूबे रहें इस सावन मास की मस्ती में,
भोलेनाथ की भक्ति और शिव जी की शक्ति में॥

परिचय-मानसी श्रीवास्तव का लेखन क्षेत्र में ‘शिवन्या’ उपनाम है। इनका जन्म १८ नवम्बर १९९८ को मुम्बई (महाराष्ट्र) में हुआ है। वर्तमान में जिला पालघर (मुम्बई) स्थित नालासोपारा (पूर्व) में स्थाई निवास है। हिंदी, मराठी व अंग्रेजी जानने वाली ‘शिवन्या’ की पूर्ण शिक्षा बी.एड. एवं एम.ए. है। कार्यक्षेत्र में शिक्षिका हैं। सामाजिक गतिविधि में पर्यावरण दिवस संबंधित मैराथन स्पर्धा से जुड़ी हुई हैं। इनकी लेखन विधा-गीत व कविता है। पुस्तक प्रकाशन के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय साझा काव्य संकलन (२०२३) में ‘सक्षम भारत-सम्पन्न भारत’ कविता प्रकाशित है। इसी तरह कई रचनाएँ अखबारों में प्रकाशित हुई हैं। मानसी श्रीवास्तव की विशेष उपलब्धि विद्यालय में ‘शिक्षक दिवस’ पर विशेष सम्मान (आल राउंडर शिक्षा अवार्ड) मिलना है। इनकी लेखनी का उद्देश्य समाज को जागरूक बनाना, सही जानकारी प्रदान करना तथा निष्पक्ष होकर सही मार्ग दिखाना है। ‘शिवन्या’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक हरिवंश राय बच्चन, महादेवी वर्मा, अटल बिहारी वाजपेयी, स्वामी विवेकानंद और कुमार विश्वास हैं। इनकी दृष्टि में पिताजी द्वारा लिखी गई कविताएँ और विशेषत: डॉ. अब्दुल कलाम द्वारा भी लिखित पुस्तक ‘द विंग्स ऑफ फायर’ प्रेरणादायी हैं। जीवन लक्ष्य पर कहना है कि, हिंदी भाषा को हमेशा सर्वप्रथम रखना, सभी को शिक्षा के लिए प्रेरित करना एवं  शिक्षक होने के साथ-साथ भारत देश का एक अच्छा नागरिक बनना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार “हमारे भारत देश में हिंदी सबसे अधिक सम्माननीय भाषा है। इसलिए इस भाषा का सम्मान करना सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”