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नव रश्मियाँ आईं

पद्मा अग्रवाल
बैंगलोर (कर्नाटक)
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नव वर्ष की नयी
सुबह है,
नव सूर्य की
नयी रश्मियाँ आई हैं,
खुशियों से जीवन को
आलोकित करने,
तन में नयी तरंगें
मन में नई प्रेरणा भरने,
ताकि हम सब मिलकर
समाज में नवनिर्माण करें,
जीवन से अवसाद
वैमनस्य दूर करें,
हर ओर खुशहाली छाए।

नई सुबह की
नव किरणें मानों,
यही संदेशा लेकर आई हैं
करो अंधकार को दूर,
ज्योति फैलाओ
चहुँओर,
भूले-भटके हैं जो
उनको राह दिखाओ,
यही प्रयास करें
सबका तन स्वस्थ रहे,
मन स्वस्थ रहे।
जीवन में खुशहाली छाए,
जीवन का यही उद्देश्य बनाएं॥