श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
*******************************************
न जाने कहाँ छुप गया मुसाफ़िर,
मुझे प्यार भरा गीत सुना कर
दिल में हलचल मचा गया,
तस्वीर अपना दिखा कर।
अंजुरी भर प्यार का शब्द,
कानों में चुपके से उड़ेल दिया
‘दिल’ नामक शब्द चुरा लिया,
प्यार का झोंका दे के गया।
अंजुरी भर प्यार का शब्द,
कानों में अब मचाता है तूफान
मुसाफिर ने मारा जादुई बाण,
ये प्यार का शब्द है कमाल।
अंजुरी भर प्यार का शब्द,
दिल में मचाने लगा है हलचल।
कहे, मुसाफिर को ढूँढने चल,
वर्ना प्राण मेरे जाएँगे निकल॥
परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है