डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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अक्षर ज्ञान जरूरी है,
साक्षरता की यह धुरी है
सफलता का करता मार्ग प्रशस्त,
जन-जन की मजबूरी है।
अक्षर से चमकेगी किस्मत,
यह ज्ञान की खूबसूरत रंगशाला है
मधुर मुस्कान बढ़ाने में,
सबसे उन्नत खोज बनी ज्ञान अर्जन की पाठशाला है।
ज्ञान का आधार साक्षरता है,
उत्साहित मन की बातें करके,
सम्पूर्णता का रंगारंग आगाज,
दुनियाभर में दर्शाता है
आगे बढ़ती दुनिया में,
अक्षर ज्ञान एक उपवन-सा,
बौद्धिक संपदा और साधन है।
शिक्षा के नाम से सुसज्जित,
घर-आँगन में महक पहुंचाना है
घर-आँगन में फुदकती शिक्षामित्र की,
अनमोल व प्यारी चिड़ियों से
साक्षरता का ज्ञान हमें तत्परता से,
दिल से सदैव आगे हमें बढ़ाना है।
अंगूठा लगाने की कुत्सित परम्परा,
जड़ से अब खत्म करनी होगी
बुजुर्गों तक ज्ञान यह ज्ञान अक्षर का,
अक्षय उर्जा-से उत्साहित रंग को,
दिल और दिमाग में अब भरना होगा।
पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य बनाकर,
सम्पूर्णता की रंगोली हमें सजाना है
आगे बढ़ती दुनिया में हमेशा,
तारा अक्षर ज्ञान का पूरे देश में
हर पल हर क्षण यह दीपक हमें जलाना है।
अक्षर से चमकेगी किस्मत,
समृद्ध विरासत सुरक्षित रहेंगी
ज्ञानोदय और संस्कार युक्त संस्कृति को,
खूब उत्साहित करती ही रहेगी।
अनमोल और अनूठा संसार बनाएं,
जनमानस में खुशहाली और सुख लाएं।
अक्षर ज्ञान से भरपूर उन्नत दिशा देकर,
यज्ञोपवीत संस्कार का सन्देश सजाएं॥
परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।