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‘अवसर साहित्य समाचार’ प्रकाशित कर बड़ा काम किया-डॉ. शुक्ल

पटना (बिहार)।

साहित्य तो हमारे जीवन का साथी होता है, एक ऐसा साथी जो हमें जीवन जीने की तमीज सिखाता है। सिर्फ कहानी, कविता या लघुकथा लिखने भर से आज साहित्यकार का दायित्व पूरा नहीं होगा। इसलिए साहित्य को फैलाना होगा। सिद्धेश्वर जी ने ‘अवसर साहित्य समाचार’ अखबार प्रकाशित कर एक बड़ा काम किया है। आज साहित्य जगत में ऐसे पत्र की जरूरत थी, जो देशभर में होने वाले छोटे-बड़े आयोजनों की रपट प्रकाशित करे।
भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान और सिद्धेश्वर जी के सम्पादन में प्रकाशित ई-अखबार ‘अवसर साहित्य समाचार’ का आभासी रूप से लोकार्पण करते हुए ख्यात लघुकथाकार डॉ. योगेंद्र नाथ शुक्ल ने बतौर मुख्य अतिथि उपरोक्त उद्गार व्यक्त किए।
लोकार्पण में कवि डॉ. नरेश अग्रवाल ने कहा कि, इस अभिनव प्रयास से एक नई तरह की पत्रिका की शुरुआत हो रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि, सिद्धेश्वर जी यह काम पूरी निष्ठा से करेंगे। अध्यक्षीय उद्बोधन में चर्चित लेखिका अनिता रश्मि ने कहा कि, प्रथम अंक में साहित्यिक समाचार चलताऊ निर्वहन की तरह शामिल नहीं किए गए हैं, बल्कि पूरी जिम्मेदारी के साथ उचित स्थान दिया गया है। बोलती तस्वीरें आश्वस्त कर रहीं हैं कि, अखबार का भविष्य उज्ज्वल है। विशिष्ट अतिथि कथाकार डॉ. अनुज प्रभात ने कहा कि, समाचार-पत्र का प्रकाशन अपने-आपमें अदभुत है। पत्र में सिद्धेश्वर जी का देशभर की साहित्यिक खबरों को समेटने के साथ उसे कलात्मक रूप देना भी अनूठा है।
सम्पादकीय उद्बोधन में सिद्धेश्वर जी ने कहा कि, साहित्य को जनप्रिय बनाने के लिए साहित्यिक खबरों को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है, जिसकी पूर्ति करने का छोटा-सा प्रयास कर रहा हूँ।
परिषद की जनसम्पर्क पदाधिकारी वीणा गुप्ता ने बताया कि, ऋचा वर्मा, रश्मि लहर,, ललन सिंह, यतीन्द्र कुमार और अर्पणा सिंह आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। धन्यवाद ज्ञापन राज प्रिया रानी ने दिया।