डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)
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मिलकर करिए फैसला, करना है मतदान।
चुनना प्रतिनिधि सत्य ही, इसे कसौटी जान॥
इसे कसौटी जान, मान जनमत का रखना।
करना जन कल्याण, ध्यान इस पर ही धरना॥
सोच-समझ दें वोट, लोभ में कभी न पड़िए।
करना सही चुनाव, फैसला मिलकर करिए॥
देना उसको वोट है, करता अच्छे काम।
जनता की सेवा करें, पाए जग में नाम॥
पाए जग में नाम, सदा कर्त्तव्य निभाए।
सेवा में दिन-रात, स्वार्थ का भाव न आए॥
होता है विश्वास, उसे प्रतिनिधि चुन लेना।
रहता सदा विनम्र, वोट उसको ही देना।।
आया दिन मतदान का, करें सभी जन वोट।
सोच-समझ लें फैसला, वरना होगी चोट॥
वरना होगी चोट, गलत मतदान न करना।
रखें राष्ट्रहित सोच, सत्य से कभी न डरना॥
कहे ‘नवल’ यह बात, वही जन-जन को भाया।
देवें वोट जरूर, अभी यह अवसर आया॥
परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बड़ियाल कलां,जिला दौसा (राजस्थान) में जन्मे नवल सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी.,साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ से अधिक पुस्तक प्रकाशित हैं। आपकी कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो,
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’