कुल पृष्ठ दर्शन : 118

You are currently viewing किस पगडंडी से आएगा!

किस पगडंडी से आएगा!

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
*******************************************

पढ़ो सखी, लिखा खत, अपने सजन जी के नाम,
यह प्रेम पत्र पहुँचाने का डाकिया कागा का है काम।

कहाँ हो प्यारे डाकिया कागा, जल्द ले जाओ संदेश,
तब तक घर की छत पर मैं खड़ी, सँवारती हूँ केश।

प्रेम पत्र छुपाए रखना, मोर-पपीहा तुमसे छीन ना ले,
कागा, तनिक विश्राम नहीं करना, खत देने से पहले।

हे कागा धरा के दक्षिण ओर, जाना हवा बसन्ती के संग,
कागा तुम देखते पहचान लोगे, मेरे पिया हैं श्याम रंग।

सुनो सखी, पिया हमारे गए हैं सर्द जनवरी की रात में,
सच कहती हूँ सखी, प्रेम बहुत था उनकी हर बात में।

याद है जब पहला-पहला प्यार हो गया था दोनों का,
सात-सात कसमें भी खाई हैं, साथ में जीने मरने का।…

सोचती है ‘देवन्ती’, मिलन के बिना सावन बीत जाएगा!
विचलित हो पथ निहारती, ना जाने
‘किस पगडंडी से आएगा॥’

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |