सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
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भाग-९…
नवीं दुर्गा सिद्धिदात्री,
करवाती सिद्धि प्राप्ति
शिव भी जो सिद्धि पाए,
माँ कृपा का फल है।
पुंज, शंख, चक्र, गदा,
वर देती माता सदा
सिंह की सवारी करें,
विराजे कमल हैं।
पूर्णनिष्ठ माँ को ध्याए,
चंपा पुष्प को चढ़ाए
हल्का नीला रंग धारे,
साधना सफल है।
हो विषय-भोग-शून्य,
अधर्म, बंधन न्यून,
जगत दु:ख निर्लिप्त,
सुख प्रतिपल है।
हरसिद्धि हो सुगम्य,
ब्रह्माण्ड जय सुलभ्य
माई उपासना पूर्ण,
सद्गति सरल है॥