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जय श्री गणेश

ममता तिवारी ‘ममता’
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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गणेश चतुर्थी विशेष…

हे! आश्रितवत्सल सखे, हे!अनन्तचिद रूप
प्रमुख अग्रपूज्याय हे!, गणनायक गण भूप।

गजपति श्री पति वागपते, सूराध्यक्षक सुदीप
विघ्नेश्वर अपराजिते,
हे हेरम्ब महीप।

महोदरा गजमुख सुमुख, अग्रगण्य सुपकर्ण
शोभित दूर्वा सर्वप्रिय,
गणपति धूम्रवर्ण।

मोदक मूषक सँग, मलय,क्षेमकरी सम्राट
द्वैमातुर अम्बे तनय,
नाशक विघ्नविराट।

गौरीनन्दन गजबदन, विनायक गुणागार
विकट प्रमुख गजानना, लम्बजठर साकार।

स्वामी अतुलित बुद्धि, दयानिधि वक्रतुंड
श्री, सुयश, रिद्धि-सिद्धि भी साथ चले एक झुण्ड।

सुत श्री शम्भू शक्ति के, दिव्यान्दू एकदंत।
सेवा से प्रसन्न भये,
वर देते भगवंत॥

परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।