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झूम के आया मानसून

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह एक शुरुआत है,
खुशी व सुकून वाली बात है
मानसून की आहट ही के मिलने से,
हर्षित मन में दिन-रात है।

गर्मी की अब तपिश गई,
सुन्दर सन्देश को जगह मिली
मानसून की इस दस्तक से,
खुशहाली अब सबके हाथ लगी।

पृथ्वी पर था मानव जीवन,
बहुत कष्ट में थे सब मजबूर
तपती धूप में मुरझाते हुए,
सब खो चुके थे अपना सुरूर।

पेड़-पौधे को अब आज़ मिला है,
जीवन मंत्र का एक सुन्दर क्षण
खुशियाँ लौट कर आईं है ख़ुद,
किसानों को मिलीं अब खूब खुशियाँ
खुशहाली से भर गया अब मन।

कृषक परिवार में अब खुशहाली लौटी,
मानसून ने जब दी मीठी-सी आवाज
रौनक और सुकून से अब जीने का,
उठ रहा है अब एक मजबूत आगाज़।

तरोताजा महसूस हुए अब सब,
खुशियाँ लेकर जो आई बरसात
बच्चों में है खूब उत्साह जगाती,
मानसून की पाकर यह सौगात।

घर-आँगन में अब हैं खूब खुशियाँ,
सबको मिला है एक सुन्दर उपहार।
किसानों को अब यह दे दी है ताक़त,
लगता है मिला उन्हें एक पुरस्कार॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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