सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
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पल-पल प्रतीक्षा, फिर आए नया साल,
बदला कैलेन्डर, गतिशील २४वाँ साल।
नवभोर, नवरूप से श्रृंगारित रहे हाल,
सबकी हो उन्नति, बन जाए खुशहाल॥
उमंग, उल्लास से भर जाए नव साल,
मधुरम् होते जाएँ जीवन के सुर-ताल।
नई आस के नवस्वप्न पूरे हो बहरहाल,
नववर्षाभिनंदन सकल सृष्टि हो निहाल॥
धान्य के भंडार हो, सब बनें मालामाल,
अर्थव्यवस्था में आ जाए बड़ा उछाल।
हम रखें, अपने पर्यावरण का ख्याल,
विश्वमंच पर भारत देश बने मिसाल॥
‘कोरोना’ फिर अवतरित हुआ इस साल,
सावधानी से रहें यही वक्त की चाल।
नियम पालें चौकन्ने रहें हम फिलहाल,
रहें निरोगी जीवन से दूर हो जंजाल॥
विधाता करें दया, जीवन में हो कमाल,
बचे न कोई दर्द, सुहानी पहर हो हर हाल।
विश्व शांति, विकास से भरा हो यह साल,
बधाई हो, शुभमय हो २०२४ का साल॥