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फ्रेंड रिक्वेस्ट

डॉ.शैल चन्द्रा
धमतरी(छत्तीसगढ़)
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कुछ मित्र आपस में बैठ कर बातें कर रहे थे। बात मित्रता पर हो रही थी,पहले मित्र ने कहा,-“भई, मैं तो जब किसी से काम निकालना होता है तो बस मित्रता गांठ लेता हूँ।”
दूसरे ने कहा,-“ओह!ऐसा। मैं तो लोगों का स्टेटस देखकर ही मित्रता करता हूँ।”
तीसरे ने कहा,-“हम तो यारों पहले लोगों का जाति-धर्म देखते हैं,फिर दोस्ती करते हैं। यहां तक कि फेसबुक में जो फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है,उसमें भी धर्म और जाति देखकर ही फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करता हूँ।” यह कहकर वह मुस्कुराने लगा।
यह सुनकर दूसरे मित्र ने कहा,-“आज इक्कीसवीं सदी के इस हाईटेक युग में भी धर्म और जाति-पांति के नाम पर दकियानूसी सोच बरकरार है,आश्चर्य है। मुझे लगता है कि तुम जैसे लोग चाँद पर पहुँच कर भी जाति-धर्म पूछोगे ? मित्र, मित्रता का कोई धर्म नहीं होता। यह तुम जान लो।” उसकी यह बात सुनकर दोनों मित्र मौन हो गए।

परिचय-डॉ.शैल चन्द्रा का जन्म १९६६ में ९ अक्टूम्बर को हुआ है। आपका निवास रावण भाठा नगरी(जिला-धमतरी, छतीसगढ़)में है। शिक्षा-एम.ए.,बी.एड., एम.फिल. एवं पी-एच.डी.(हिंदी) है।बड़ी उपलब्धि अब तक ५ किताबें प्रकाशित होना है। विभिन्न कहानी-काव्य संग्रह सहित राष्ट्रीय स्तर के पत्र-पत्रिकाओं में डॉ.चंद्रा की लघुकथा,कहानी व कविता का निरंतर प्रकाशन हुआ है। सम्मान एवं पुरस्कार में आपको लघु कथा संग्रह ‘विडम्बना’ तथा ‘घर और घोंसला’ के लिए कादम्बरी सम्मान मिला है तो राष्ट्रीय स्तर की लघुकथा प्रतियोगिता में सर्व प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त किया है।सम्प्रति से आप प्राचार्य (शासकीय शाला,जिला धमतरी) पद पर कार्यरत हैं।

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