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भारत में आया स्वप्न सुनहरा

संजय सिंह ‘चन्दन’
धनबाद (झारखंड )
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आजाद भारत की उड़ान….

जहाँ हर डाली पर सोने की चिड़िया का मधुर बसेरा,
दिव्य, भव्य मेरे महा सूर्य ने जगमग किया सवेरा
मेरी आज़ादी, मेरी स्वछंदता से मिटा गुलाम अँधेरा,
यह आर्यावर्त, यह हिंदुस्तान, यह भारत देश है मेरा…।

नए जोश और नई जवानी लेकर जगा ये देश सुनहरा,
देश की सीमा पर सैनिक ने दिया मुस्तैदी से पहरा
अंतर्मन में भाव जगा था, दिल में प्रभाव था गहरा,
बंटवारे का दंश भी गहरा, जख्मों से भारत उबरा,
औद्योगिक विकास, चाचा नेहरू का कदम भाग्य विधाता बन ठहरा
गरीबी, अशिक्षा, बीमारी ने देश को पूरा घेरा,
राष्ट्रीयकरण की आँधी से हुआ जन-जन का नया बसेरा
कोयला, बैंक कई प्रतिष्ठानों में आया खुशियों का रैन बसेरा,
निजीकरण से सरकारीकरण का बंधा इंदिरा जी के सिर सेहरा
वो रणचंडी की ताकत से पाकिस्तानी उस आफत से बांग्ला देश बना,
यह खेल था सारा तेरा,
यह आर्यावर्त, यह हिंदुस्तान, यह भारत देश है मेरा…।

‘जय जवान-जय किसान’ नारे का शास्त्री जी ने भाव दिखाया गहरा,
वैसा सज्जन, वो सादगी, सुलभता और निडरता का अद्वितीय महापुरुष
नहीं मिला हमें कभी दूसरा
कम्प्यूटरीकरण की सफलता से भारत को वैश्वीकरण के दौर में राजीव जी ने
अवसर दिया सुनहरा,
यह देश सनातन मिट्टी का, जहाँ राम, कृष्ण, मथुरा-काशी है मेरा
पोखरण परमाणु परीक्षण कर अटल बिहारी ने दुनिया को भारत की ताकत से घेरा,
वो झुके नहीं, वो टूटे नहीं अमरीकी दहशत को चुनौती दे, मंशा से उसे उकेरा
कारगिल के युद्ध जीत पाकिस्तान को घर में घेरा,
चतुर्मुखी सड़क का जाल बिछा दिखाया विकास का दूरदृष्टि फेरा
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान भारत का नया सवेरा,
यह आर्यावर्त, यह हिंदुस्तान, यह भारत देश है मेरा…।

डॉ. मनमोहन ने आर्थिक शक्ति बनाने में कोई काम न छोड़ा अधूरा,
पोलियो मुक्त भारत बना दो बूंद घूंट के पी-पीकर साकार है सपना पूरा
कश्मीर में धारा ३७० की समाप्ति, राम मन्दिर निर्माण, काशी विश्वनाथ का पुनर्निर्माण, सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान में घुसकर, आज़ादी के अमृत महोत्सव पर नए संसद भवन
के उदगम् से अमृत निकलेगा गहरा,
यह मोदी है नरेंद्र भाई जिनके चिंतन का इस भारत में अध्याय जुड़ा सुनहरा
हम अंतरिक्ष से चाँद पर बैठ दुनिया को नचाएं पूरा, सब सपना होगा पूरा,
हम दुनिया को टक्कर देकर आर्थिक शक्ति बने, लुटा हमने सम्मान अधूरा,
‘कोरोना’ में वैक्सीन देकर, मानवता की रक्षा की, जिसे दुनिया ने देखा पूरा
हम गाँव-गाँव और शहर-शहर, टापू पहाड़ को चीरकर सड़कों, राष्ट्रीय राज मार्ग के अति भव्य जाल, रेल लाइन दोहरीकरण, कई मेट्रो रेल, कई फ्लाई ओवर मंजर देखा विकास का पूरा,
हम नए भारत की नई सोंच, नई ताकत और सरफरोश से विश्व गुरु बन, देश नई उड़ान पर मेरा।
नरेंद्र का यह आवाहन-‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’ से आया स्वप्न सुनहरा,
यह अर्यावर्त, यह हिंदुस्तान, यह भारत देश है मेरा…॥