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माँ, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं-अतुल कोठारी

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा पखवाड़ा…

दिल्ली।

माँ, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं है। आज से ही मातृभाषा में हस्ताक्षर का प्रण लीजिए। मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त एक और भारतीय भाषा सीखने की भी आवश्यकता है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए अतुल भाई कोठारी ने यह बात कही। २१ फरवरी को ‘मातृभाषा दिवस’ मनाए जाने के इतिहास पर आपने दृष्टि डाली। ३ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा पखवाड़ा के समापन और अभिनदंन समारोह में माता सुंदरी महिला महाविद्यालय के सभागार में भारतीय भाषा मंच (दिल्ली प्रान्त) और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष अनिल जोशी, विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार ईशान महेश रहे। न्यास के राष्ट्रीय सचिव श्री कोठारी की उपस्थिति में मुख्य अतिथि श्री जोशी द्वारा वैश्विक स्तर पर मातृभाषा की विशिष्टता पर बल दिया गया। उन्होंने अपनी मातृभाषा और भारतीय संस्कृति को अन्य भाषाओं से अधिक महत्वपूर्ण बताया। विशिष्ट अतिथि ईशान महेश ने भारतीय भाषाओं, साहित्य और संस्कृति के दोबारा अध्ययन पर ज़ोर दिया।
मंच पर महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती हरप्रीत कौर, न्यास के दिल्ली प्रान्त की संयोजक श्रीमती उपासना अग्रवाल, भारतीय भाषा मंच दिल्ली प्रान्त के संयोजक डॉ. लोकेश कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे। प्राचार्या श्रीमती कौर द्वारा दसवें गुरु गोबिंद जी और उनकी पत्नी माता सुंदरी के विषय में बताया गया।
इस बार भारत के विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में मातृभाषा पखवाड़ा मनाया गया और विभिन्न भाषायी और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जिनमें विजयी छात्रों का अभिनंदन कार्यक्रम में किया गया। कार्यक्रम ग्रोइंग इरा लर्निंग प्रा.लि. की निदेशक श्रीमती रक्षा तिवारी के सौजन्य से किया गया। धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती अग्रवाल ने किया।

(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई)

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