कुल पृष्ठ दर्शन : 220

You are currently viewing राधा का पत्र

राधा का पत्र

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’
राजकोट (गुजरात)
***************************************

सर्व हारूँ मैं केशव तेरे लिए,
जीत भी न चाहूँ माधव तेरे लिए
बसी है राधा तेरी बाँसुरी में,
हर लय में बह जाऊँ तेरी प्रीत के लिए।

सूखी पड़ी है आस जिया की,
बून्द-बून्द तरसूं प्रीत पिया की
विरह है कैसी दरस न होए,
तुझको अंखियन देखे बरसों-बरस होए।

जानूं मैं कि मुझमें ही तू,
मानूं मैं कि तुझमें ही हूँ
विचलित हृदय फ़िर भी डोल रहा,
वियोग में निर्दय तू फ़िर भी मौन खड़ा।

बाँवरी बनी हूँ तेरे मिलन में,
साँवरी हुई विरह की अगन में
भूली हूँ मैं मेरा ही अस्तित्व,
ढूँढूं तुझको हर तत्व-तत्व।

ये कैसी तेरी प्रीत है,
सृष्टि की ये कैसी रीत है
रीत से ना मुझे कुछ लेना-देना,
प्रीत में ही मुझे सब-कुछ है पा लेना।

आत्मा की ध्वनि गूंज रही,
भीतर मेरे पुकार रही
धरा में भी कम्पन आ जाए,
व्याधि मेरी अनुकम्पा रही।

अधरों पे मुस्कान बनाए बैठी हूँ,
कान्हा कब आए तू,नैना तके बैठी हूँ
निश्छल मन है मेरा तू पहचाने है,
तू ही मन में है ये तू जाने है।

छलिया है तू…छलिया है रे तू,
छला है मुझको तेरी प्रीत में
हर गीत में,संगीत में,
निश्छल स्नेह में,मेरे समर्पण में।

तू हरि है जगत का,
सबका दु:ख हर लेता है
फिर क्यूँ मुझे वियोग में,
बिखरता देख रहा है।

स्मृति ना तुझको वो वृदांवन,
क्या स्मृति ना तुझको वो मधुबन
बाँसुरी की धुन में नाचती वो सखियाँ,
जहाँ रास रचाते राधा कृष्णा।

दौड़ी चली आती में बाँसुरी की धुन पे,
तेरी प्रीत में खो जाती सुध-बुध खो के
तुम अपनी ही धुन में मगन हो जाते,
मैं तुझे पा लेती खुद को ही खो के।

सज्ज करता तू मुझे तृण आभूषणों से,
बनाता तू खुद ही अपने हाथों से
गेसूओं को नित नव्य फूलों से सजाता,
लट ये मेरी तू ही सुलझाता।

मुक्त किया ओ मोहन तूने मुझे,
सृष्टि के हर विनाशक विकारों से
भरी पड़ी थी नश्वर काया मेरी,
राग द्वेष ईर्ष्या से क्रोध मोह अहंकार से।

पीड़ित थी मैं पगली तेरे ही मोह में,
भान भूली मैं तेरे ही सम्मोहन में।
तू ही दर्श आए हर दिशा की डगर,
समझ ना पाई क्या अंतर सच्ची प्रीत में॥

परिचय-अल्पा मेहता का जन्म स्थल राजकोट (गुजरात)है। वर्तमान में राजकोट में ही बसेरा है। इनकी शिक्षा बी.कॉम. है। लेखन में ‘एक एहसास’ उपनाम से पहचान रखने वाली श्रीमती मेहता की लेखन प्रवृत्ति काव्य,वार्ता व आलेख है। आपकी किताब अल्पा ‘एहसास’ प्रकाशित हो चुकी है,तो कई रचना दैनिक अख़बार एवं पत्रिकाओं सहित अंतरजाल पर भी हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ़ टेलेंट रिकॉर्ड सहित मोस्ट संवेदनशील कवियित्री,गोल्ड स्टार बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं इंडि जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड आदि सम्मान आपकी उपलब्धि हैं। आपको गायन का शौक है।

Leave a Reply