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शक्ति और भक्ति अनमोल उपहार

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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शक्ति, भक्ति और दिखावा…

यह नम्रता और सुचिता को,
सादर आभार है
दैवीय शक्ति को सम्बल,
हृदय पुष्प से किया जाता
अपूर्व दर्शन संग सत्कार है।

शक्ति और भक्ति का,
अन्योन्याश्रय सम्बन्ध है
सबमें मधुर संगीत जैसा,
दिखता अटूट सम्बन्ध है।

शक्ति को सम्बल बनाने के लिए,
भक्ति रस एक आधार है
समर्पित भाव से सने रहने पर,
भक्ति करने का मिलता
हृदय से नवीन अधिकार है।

यहाँ अन्तर्मन से निकली आवाज,
मजबूत इरादों से सना हुआ सदैव रहना चाहिए
जानबूझकर कोई प्रपंच और ग़लत आधार,
बिल्कुल नहीं रहना चाहिए।

यहाँ दिखावा और उसके असर का,
नहीं दिखता प्रभुत्व व प्रभाव है
माता रानी नहीं करती है स्वीकार्य,
ऐसे लोगों का कभी आभार है।

यह दुनिया को अलविदा कह,
कभी कहीं जाने नहीं देती है
खुशियाँ और सुकून देने वाली ताकत बनकर,
सदैव साथ ही रहने की कोशिश कर
खुशहाली और उमंग भरने में,
सबसे पहले और अव्वल रहते हुए
सर्वोत्तम संस्कार में पहुंचकर,
सबके सामने शामिल हो जाती है।

शक्ति और भक्ति एक अनमोल उपहार है,
दिखावा और उसके प्रयास की कोशिश।
नहीं जगत-संसार में कोई,
किसी भी स्थिति में स्वीकार है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।