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श्रीकृष्ण अवतार

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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आ गया भादो का महीना,
घर-घर होने लगा है शोर
श्रीकृष्ण का जन्म हुआ,
नाचने लगा वन में मोर।

श्रीकृष्ण जी गजब ढाए,
लाए काली घटा घनघोर
देव लोक से आ ही गए,
माता-पिता थे विभोर।

कारागृह में छाई शीतलता,
बहने लगी पवन पुरवईया
सो गए थे रक्षक कंस के
जेल से बाहर आए कन्हैया।

खुली माता-पिता की बेड़ी,
गर्वित हो गए हैं वासुदेव।
लाँघ गए उमड़ती यमुना को,
पुत्र स्नेह में डूबे वासुदेव॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |