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संदेश

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

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उठो करो सतकर्म यही,
सन्देश हमारा है
सद्प्रवृत्ति संवर्द्धन का,
उद्देश्य हमारा है।

कर्मठता के अमृत रस का,
जग को पान कराओ
गौरव वान राष्ट्र की अपने,
कीर्ति लता लहराओ।
नेह नदी के पावन जल से,
वसुंधरा नहलाओ।
अरुणाभा की लोहित ऊषा,
से तम दूर भगाओ।
जीवन पथ हो यज्ञमयी,
यह ध्येय हमारा है।
सद्प्रवृत्ति संवर्धन का,
उद्देश्य हमारा है…॥

शोषण, उत्पीड़न, प्रताड़ना,
का हो नाम, निशान नहीं
अपराधों का अन्त न होगा,
ऐसा है वरदान नहीं।
सब्ज बाग दिखलाने भर से,
बनती कोई शान नहीं
‘जी हुजूर’ का चोंगा फेंको,
इसमें कोई मान नहीं।
जगती के इस परिवर्तन का,
श्रेय हमारा है।
सद्प्रवृत्ति संवर्धन का,
उद्देश्य हमारा है…॥

सूली चढ़ते मत घबराओ,
जीवन राष्ट्र समर्पित हो
तन्हाई की काल कोठरी,
सच्चाई हित बेहतर हो।
चोट पड़े तो आह न निकले,
बलि देने पर तत्पर हों
दीर्घ काल तक धुंधियाने से,
जलना अच्छा पल भर हो।
कदम बढ़ाओ स्वार्थ रहित,
उपदेश हमारा है।
सद्प्रवृत्ति संवर्धन का,
उद्देश्य हमारा है…॥

महाप्रलय की अग्नि साध हो,
मानव जीवन में
दृढ़ता का लहू हो दिल में,
अचल शक्ति तन में।
निर्माणों की अमर पिपासा,
होवे मन-मन में
देश प्रेम का भाव भरा हो,
भक्ति, भजन, चिंतन में।
आजादी का दीप जले,
पाथेय हमारा है।
सद्प्रवृत्ति संवर्धन का,
उद्देश्य हमारा है…॥

नव जीवन संचार भरो इन,
थकती आँखों में
फूलों सी मुस्कान बिखेरो,
उर उच्छवासों में।
अपना हृदय विशाल करो,
जैसा यह नील गगन
जिस से नव उल्लास जगे,
भर उठें मोद के क्षण।
उगो सूर्य की तरह, दूर
करने अंधियारा है।
सद्प्रवृत्ति संवर्धन का,
उद्देश्य हमारा है…॥

रत्नाकर बन रत्न राशि को,
बाँटो श्रमिक मनुज को
शबनम के कण बन नम कर दो,
दिल की तपती रज को।
जलधारा बन बहो, प्राण,
भरने दाने-दाने में
देने का सुख प्राप्त करो,
भूलो जो दु:ख पाने में।
पंथ दिखाओ न्याय, धर्म का,
बन ध्रुव तारा है।
सद्प्रवृत्ति संवर्धन का
उद्देश्य हमारा है…॥

परिचय–प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।

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