कुल पृष्ठ दर्शन : 1173

You are currently viewing सम्पन्नता

सम्पन्नता

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
********************************************

विश्व परिवार दिवस (१६ मई) विशेष…

पोरवाल परिवार के गृह प्रवेश के आयोजन में शहर के लगभग सभी प्रतिष्ठित परिवार आए। उस कोठीनुमा घर या यूँ कहें कि, उस आधुनिक महल की सुंदरता का बखान बढ़-चढ़कर हो रहा था।
“पोरवाल जी, आपको इस मुकाम पर देखकर बहुत खुशी हो रही है। अनंत शुभकामनाएं।” पवन जी ने अपनी खुशी जाहिर की।
“पवन भाई, आपका हृदयतल से आभार, पर इसका पूरा श्रेय मुझ अकेले को नहीं, बल्कि प्रभु कृपा व मेरे संयुक्त परिवार को जाता है। आप तो जानते ही हैं कि, मैं जब इस शहर में आया था तो कंधे पर गठरी रख गली-गली कपडे़ बेचता था।”
“हाँ, कैसे भूल सकता हूँ? मैंने आपके उन संघर्ष के दिनों को करीब से देखा है।”
“हाँ, यह सब मेरा अकेले का किया हुआ नहीं है। इसमें मेरी पत्नी ने सदा कंधे से कंधा मिलाकर मेरा साथ दिया है। मेरे तीनों भाई पढ़ने के साथ-साथ शुरू से ही मेरे काम में हाथ बँटाते रहे और अब तो घर के बेटे-बहुएं भी व्यापार में पूरे मन से साथ दे रहे हैं, तभी मेरा कंधे से दुकान और फिर दुकान से शहर में कई शो-रूम की श्रृंखला होने तक का सफ़र तय हो पाया।”

“जी, साथ रहने, साथ निभाने से एक और एक ग्यारह हो जाते है और आपको और आपके परिवार को देखकर सिद्ध हो गया कि घर सम्मति से ही सम्पन्न बनता है। पुनः दिल से बधाई स्वीकारें।”

Leave a Reply