एस.के.कपूर ‘श्री हंस’
बरेली(उत्तरप्रदेश)
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जन्माष्टमी विशेष…..
करावास में जन्म लिया और कंस का नाश किया,
भागवतगीता दिया उपदेश,कौरवों का भी विनाश किया।
रच कर रासलीला भी तुम तो निच्छल प्रेम-प्रतीक बने-
लेकर अवतार विष्णु द्वापर में सृष्टि नवविन्यास किया॥
बने गोवर्धनधारी वृंदावन को बचाया इंद्रवर्षा से,
बन कर भी द्वारिकाधीश मिले सुदामा को हर्षा से।
अखिल ब्रह्मांड आलोकित हुआ प्रेम व्यवस्था से तुम्हारी-
कोई भी भयभीत न हुआ तुम्हारी नीति-न्याय निष्कर्षा से॥
बनकर बाल-गोपाल माखनलीला,यशोदा आनंदित किया,
वासुदेव देवकी स्वप्न को भी इस धरती पर जीवंत जिया।
असुरों का नाश किया,पृथ्वी पर बनकर सुदर्शन चक्रधारी-
राधा-रुक्मिणी १६ हजार नारियों का,उद्धार रोष उपरांत दिया॥
बन कर अर्जुन के सारथी लड़ी थी महाभारत की लड़ाई,
देकर नारायणी सेना कौरवों को भी करी न्याय की सुनवाई।
सोलह कलाओं सम्पूर्ण व्यक्तित्व,दर्शाया जगत को आपने-
आज श्रीकृष्ण अवतरण दिवस पर,जन्माष्टमी की बधाई॥