कुल पृष्ठ दर्शन : 35

You are currently viewing सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों का सम्मान निमाड़ अँचल की आदर्श परम्परा

सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों का सम्मान निमाड़ अँचल की आदर्श परम्परा

सम्मान-विमोचन…

महेश्वर (मप्र)।

शब्द साधना और स्वर साधना में लगे हुए लोगों के साथ सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुए लोगों का सम्मान निमाड़ अँचल की आदर्श परम्परा है।
साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक अतिथि डॉ. विकास दवे ने महेश्वर स्थित मानवता भवन में रविवार को सारस्वत सम्मान एवं पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में यह बात कही। प्रदेश के निराला सृजन पीठ की नवनियुक्त निदेशक डॉ. साधना वटे ने बतौर अतिथि कहा कि, घर में मिला यह सम्मान मेरे लिए सबसे बड़ा है । लघुकथा शोध समिति भोपाल की निदेशक कांता राय ने भी अतिथि के नाते कहा कि, आगामी सत्र से विश्वविद्यालय में लघुकथा लेखन कौशल के साथ डिप्लोमा कोर्स लघुकथाओं को शामिल कर आरंभ किया जाएगा।

इस कार्यक्रम की शुरुआत कवि अतुल दवे ने सरस्वती वंदना से की। युगल हिंदी गीत की प्रस्तुति रजनी उपाध्याय व पंडित हेमंत शास्त्री ने दी। तीनों निदेशक अतिथियों का शाल, श्रीफल एवं अभिनंदन मंजूषा द्वारा रचनाकार जगदीश जोशीला, कुंवर उदय सिंह अनुज, डॉ. अखिलेश बार्चे, मंजुला दुबे और सविता उपाध्याय ने सम्मान किया। स्वागत भाषण लघुकथाकार विजय जोशी ‘शीतांशु ने दिया। पाठक मंच महेश्वर, अकादमी, संस्कार भारती इकाई महेश्वर, लघुकथा शोध समिति जिला इकाई महेश्वर और अ.भा. साहित्य परिषद महेश्वर के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ रचनाकार राजनाथ सोहनी, प्रमोद मिश्र ‘हितैषी’, मनोहर मंजुल, दीपक दशोर ‘दीप’ और कीर्ति शुक्ला आदि को अभिनंदन-पत्र भेंट किए गए। कार्यक्रम में डॉ. बार्चे की कृति ‘संघर्षपूर्ण वन की यात्रा और पंढरीनाथ पटेल की कृति ‘किशोर दा के नाम’ का लोकार्पण किया गया। प्रदीप नवीन, नरेन्द्र झावरे, नंदकिशोर कर्मा एवं ओम प्रकाश कुशवाह आदि उपस्थित रहे।