डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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कहानी है सिमरिया के,
अद्भुत बालक के ओज की
संवेदनाओं और राष्ट्रीयता की
गहरी सोच की।
जिसने काव्य संगम में,
पद्य को भी सम्मान दिया
श्रेष्ठता को एक नया
आयाम दिया।
राष्ट्र कवि होने का गौरव,
एक अभिमान है
जन-जन तक पहुंचा यह,
अनूठा और अनमोल सम्मान है।
गंगा के तट की छाँव,
उत्तम सुन्दर विचार मिला
राष्ट्रीय चेतना के लिए,
सुंदर पवित्र संचार खिला।
‘रश्मिरथी’ और ‘उर्वशी’ ने,
बनाई इनकी एक राष्ट्रीय पहचान
संस्कृति के चार अध्याय से,
साहित्य जगत को है अभिमान।
‘रेणुका’ और ‘रसवऺती’ ने दिया,
उनको खूब आदर सम्मान
साहित्य जगत में आज भी,
दिनकर की ख्याति हो रही देदीप्यमान।
नेहरू को देकर एक सीख वह,
बन गए देश के एक युग अवतार
ऐश्वर्य और वैभव की खूब हो रही,
आज भी देश में जय-जयकार।
कलम का उन्होंने ओज बताया,
सबसे उपर है अपना देश महान
उनकी उन्नत और पवित्र सोच पर,
हो रहा हम सबको अभिमान।
आज विनम्र श्रद्धांजलि है,
राष्ट्र के सर्वोत्तम कलमकार को
युगों-युगों तक याद रहेंगे,
धरती पर चर्चित संतानों में।
आओ हम-सब मिलकर,
एक नया इतिहास बनाएं।
राष्ट्र कवि दिनकर की,
‘ओज’ की अलख जगाएं॥
परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।