डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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जन प्रतिनिधि,
देश की शान हैं
इनकी सुरक्षा,
हमारा अभिमान है।
यह राष्ट्रीय गौरव हैं,
सुरक्षा इनकी जरूरी है
प्रतिभा के प्रतीक की,
रक्षा हमारी-आपकी,
अत्यन्त जरूरी है।
राष्ट्रीयता को हम,
कभी नहीं भूले यहां
राजनीतिक प्रपंचों की,
काली आँखों से,
कभी देखें नहीं यहां।
यह वतन के लोगों से,
एक फ़रियाद है
देश के इतिहास को,
हमें बनाना वास्तविक जैसे,
जीवन का संवाद है।
कुछ ऊंच-नीच,
वतन पर भारी पड़ेगी
देश में मातम तो,
दुश्मनों के आँगन में
फुलझड़ियाँ जलेंगी।
हम वतनपरस्त बनें,
पहला यह धर्म
हमारा-आपका,
सदा होना चाहिए
आपसी मतभेद पर,
घर-घर ये मतभेद
अब मिटना चाहिए।
आओ हम-सब,
मिलकर यहां एक
नया देश बनाएं,
खुशियाँ बटोरने वाले
लोगों के साथ-साथ,
बटोरने वाले लोगों के बीच।
खुशहाली बांटने में,
अब लग जाएं॥
परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।