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स्वच्छता से होगी पहचान

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ 
मनावर(मध्यप्रदेश)
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प्रदूषण से पीड़ित लगते गाँव -शहर बेजान,
स्वच्छता से होगी अब गाँव -शहर की पहचान।

गंदगी न फैलाओ बताओ, सबको साफ-सफाई के गुर
साफ-सफाई करते रहो नहीं, तो हो जाओगे रोने को मजबूर।

कचरे से भरा हो यदि रास्ता हमारा,
सफाई से सुंदर बनेगा नगर न्यारा।

साफ-सफाई के लिए हुआ ये कैसा अजब कमाल,
स्वच्छता के लिए हटाया सबने प्रदूषण का जाल।

आइए, साफ-सफाई करके दिखाएं,
नगर को स्वच्छ और सुंदर बनाएं।

गाँव-शहर में कचरा फैलाओगे तो मच्छर सुनाएंगे राग,
बीमारियाँ पनपेंगी, और लग जाएगा पर्यावरण पर दाग।

सफाई करने से नगर में उजियारा छाया,
कचरे से मुक्त नगर सबके मन को भाया।

गाँव-शहरों में लग गए साफ -सफाई के काम,
स्वच्छता के लिए होगा नगर का रोशन नाम।

रखें स्वच्छता यही स्वस्थता का आधार है,
सुन्दर गाँव-शहर बनने के यही तो आसार है।

स्वच्छता-सुंदरता के लिए साफ-सफाई करते रहो,
नगर हो प्रदूषण से मुक्त कुछ ऐसा काम करते रहो।

आओ मिल जुलकर स्वच्छता अभियान के गीत गाएं,
स्वच्छता अभियान हो सफल मिलकर खुशियाँ मनाएं।

स्वच्छता होगी तभी तो कुछ बात होगी,
स्वच्छ नगरों में यही गिनती खास होगी।

स्वच्छता अभियान से जागरूकता लाएं,
साफ-सफाई करने में मिलकर हाथ बटाएं॥

परिचय-संजय वर्मा का साहित्यिक नाम ‘दॄष्टि’ है। २ मई १९६२ को उज्जैन में जन्में श्री वर्मा का स्थाई बसेरा मनावर जिला-धार (म.प्र.)है। भाषा ज्ञान हिंदी और अंग्रेजी का रखते हैं। आपकी शिक्षा हायर सेकंडरी और आयटीआय है। कार्यक्षेत्र-नौकरी( मानचित्रकार के पद पर सरकारी सेवा)है। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज की गतिविधियों में सक्रिय हैं। लेखन विधा-गीत,दोहा,हायकु,लघुकथा कहानी,उपन्यास, पिरामिड, कविता, अतुकांत,लेख,पत्र लेखन आदि है। काव्य संग्रह-दरवाजे पर दस्तक,साँझा उपन्यास-खट्टे-मीठे रिश्ते(कनाडा),साझा कहानी संग्रह-सुनो,तुम झूठ तो नहीं बोल रहे हो और लगभग २०० साँझा काव्य संग्रह में आपकी रचनाएँ हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं में भी निरंतर ३८ साल से रचनाएँ छप रहीं हैं। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में देश-प्रदेश-विदेश (कनाडा)की विभिन्न संस्थाओं से करीब ५० सम्मान मिले हैं। ब्लॉग पर भी लिखने वाले संजय वर्मा की विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-मातृभाषा हिन्दी के संग साहित्य को बढ़ावा देना है। आपके पसंदीदा हिन्दी लेखक-मुंशी प्रेमचंद,तो प्रेरणा पुंज-कबीर दास हैंL विशेषज्ञता-पत्र लेखन में हैL देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-देश में बेरोजगारी की समस्या दूर हो,महंगाई भी कम हो,महिलाओं पर बलात्कार,उत्पीड़न ,शोषण आदि पर अंकुश लगे और महिलाओं का सम्मान होL