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हमारा बजट

विनोद वर्मा आज़ाद
देपालपुर (मध्य प्रदेश) 

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आम बजट की तैयारी थी शासन-प्रशासन स्तर पर गहमागहमी वाला माहौल था। आज का बजट कैसा होगा ? घाटे का या मुनाफे का,यह आमजनों के बीच चर्चा का विषय था।
ठेले पर एक सब्जी विक्रेता सब्जी बेच रहा था,जो सुबह से शाम तक यही सुनता रहा कि आज बजट पेश हो रहा हैl वह यह भी सोच रहा था कि बजट में हम गरीबों के लिए क्या घोषणाएं सरकार करेंगी। हमारा जीवन स्तर कब सुधरेगा,आदि-आदि विचारते रहने के दौरान उसने अपने ठेले की अधिकांश सब्जी बेच दी। कुछ समय पश्चात एक दरोगा आया और रौब झाड़ते हुए एक गोभी का फूल ले गया। थोड़ी देर बाद नगर परिषद का दरोगा आया,रसीद बनाई और वह एक लौकी ले गया। एक भिक्षुक आई टमाटर मांगने,तो उसने दया भाव दिखलाते हुए दिव्यांग महिला को ४ टमाटर दे दिए। पड़ोस वाली भाभी बाजार से घर जा रही थी,बोली-“भैया थोड़ा-सा हरा धनिया दो ना!” वह भी दे दिया। अंधेरा होने के पूर्व घर की बाट पकड़ीl घर जाकर पत्नी के समक्ष बैठकर नोट और चिल्लर रखते हुए बोला-“भागवान,आज देश का बजट पेश हुआ है,पता नहीं कैसा होगा ? पर आज हम हमारे बजट का मिलान कर लें कि बजट घाटे का है या…..?

परिचय-विनोद वर्मा का साहित्यिक उपनाम-आज़ाद है। जन्म स्थान देपालपुर (जिला इंदौर,म.प्र.) है। वर्तमान में देपालपुर में ही बसे हुए हैं। श्री वर्मा ने दर्शन शास्त्र में स्नातकोत्तर सहित हिंदी साहित्य में भी स्नातकोत्तर,एल.एल.बी.,बी.टी.,वैद्य विशारद की शिक्षा प्राप्त की है,तथा फिलहाल पी.एच-डी के शोधार्थी हैं। आप देपालपुर में सरकारी विद्यालय में सहायक शिक्षक के कार्यक्षेत्र से जुड़े हुए हैं। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत साहित्यिक,सांस्कृतिक क्रीड़ा गतिविधियों के साथ समाज सेवा, स्वच्छता रैली,जल बचाओ अभियान और लोक संस्कृति सम्बंधित गतिविधियां करते हैं तो गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षण सामग्री भेंट,निःशुल्क होम्योपैथी दवाई वितरण,वृक्षारोपण,बच्चों को विद्यालय प्रवेश कराना,गरीब बच्चों को कपड़ा वितरण,धार्मिक कार्यक्रमों में निःशुल्क छायांकन,बाहर से आए लोगों की अप्रत्यक्ष मदद,महिला भजन मण्डली के लिए भोजन आदि की व्यवस्था में भी सक्रिय रहते हैं। श्री वर्मा की लेखन विधा -कहानी,लेख,कविताएं है। कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचित कहानी,लेख ,साक्षात्कार,पत्र सम्पादक के नाम, संस्मरण तथा छायाचित्र प्रकाशित हो चुके हैं। लम्बे समय से कलम चला रहे विनोद वर्मा को द.साहित्य अकादमी(नई दिल्ली)द्वारा साहित्य लेखन-समाजसेवा पर आम्बेडकर अवार्ड सहित राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा राज्य स्तरीय आचार्य सम्मान (५००० ₹ और प्रशस्ति-पत्र), जिला कलेक्टर इंदौर द्वारा सम्मान,जिला पंचायत इंदौर द्वारा सम्मान,जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा सम्मान,भारत स्काउट गाइड जिला संघ इंदौर द्वारा अनेक बार सम्मान तथा साक्षरता अभियान के तहत नाट्य स्पर्धा में प्रथम आने पर पंचायत मंत्री द्वारा १००० ₹ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही पत्रिका एक्सीलेंस अवार्ड से भी सम्मानित हुए हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-एक संस्था के जरिए हिंदी भाषा विकास पर गोष्ठियां करना है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा के विकास के लिए सतत सक्रिय रहना है।

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