हेमराज ठाकुर
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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शिक्षक दिवस दिवस…
हाँ, मैं ही वह शिक्षक हूँ, जिसने चपरासी से राष्ट्रपति तक को है ज्ञान दिया
करता रहता हूँ अपना काम सदा,
किसी ने अधिमान दिया या अपमान किया।
इन्होंने सब कुछ सीख के मुझसे,
मुझे ही भला-बुरा कह कर है परेशान किया
मैंने नजरअंदाज करके फिर से,
नई पीढ़ी को उसी तन्मयता से ज्ञान दिया।
तू उभरे ओ शिष्य मेरे! मैंने हर छात्र को,
इसी ही भाव से है वरदान दिया
वह छात्र पढ़-लिख कर बड़े ओहदे पर, बैठा तो उसने मुझे बदनाम किया।
तू लांघ ले भले ही सारी हदें ,मुझे गर्व है कि मैंने तुझे बनाने का काम किया।
मैं खुश हूँ तेरी तरक्की से पगले,
तूने चाहे मेरी फजीहत की या फिर नाम किया॥