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हर बीमारी की दवाई शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति ही

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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आज इतने महीनों तक हमने अनेक विशेषज्ञों की ‘कोरोना’ पर सलाह को टेलीविजन पर सुना व अखबारों में भी पढ़ कर समझा है,इसके अलावा अनेक वो जो एकांतवास से मुक्त हुए,उनके अनुभव भी सुने। निष्कर्ष यही समझ में आया कि जिसकी इम्युनिटी(शरीर की स्वयं रोगों से लड़ने की ताकत) अच्छी होगी,उसे हर प्रकार के रोग से लड़ने में मदद मिलेगी। सीधा अर्थ यही है कि हर प्रकार की बीमारी से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता निर्णायक भूमिका निभाती है। इसलिए हमें अपना रक्तचाप व वजन संतुलित रखने के लिए विशेषज्ञों की राय अनुसार हर दिन व्यायाम व योगासन करते रहना चाहिए,क्योंकि प्रतिरोधक क्षमता आहार,व्यायाम, उम्र,मानसिक तनाव जैसे अनेक कारणों पर निर्भर करती है। हाँ,यह भी ध्यान देना है-वह है नींद, क्योंकि आराम दायक गहरी पूरी नींद हमेशा उपरोक्त वर्णित सभी में बहुत ही सहायक रहेगी ।
यह भी समझ लें कि कोई उपचार या दवा तभी असर करती है,जब शरीर की प्रतिरोधकता अच्छी होती है,और स्वस्थ कर सकती है,इसलिए प्रतिरोधकता को बेहतर रखना हमारे स्वयं के हित में है।
अब प्रश्न यह उठता है कि,प्रतिरोध शक्ति ही हर तरह की दुर्लभ बीमारियों की दवाई है,तो क्यों न हम अपना सारा ध्यान अपनी प्रतिरोधकता बढ़ाने पर दें। यहाँ ध्यान में ला देना चाहता हूँ कि विश्व प्रसिद्ध स्व. डॉ. के.के.अग्रवाल ने एक बार बताया था कि,प्रतिरोधकता बेहतर रखने में खान-पान का अहम योगदान रहता है। इसलिए उच्च प्रोटीन के साथ साथ आहार में पर्याप्त एंटीऑक्सिडेंट, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स,सभी आवश्यक विटामिन और खनिज शामिल होने चाहिए। इसलिए हमें यह जान लेने की बहुत आवश्यकता है कि किन चीजों से यह बढ़ती है और किनसे से प्रतिरोधकता घटती है।
पहले इसे बढ़ाने वाली चीजों पर ध्यान देते हैं-योग, आसन नियमित करें,व्यायाम या कोई भी खेल शारीरिक संरचना अनुसार अवश्य करें,घर का बना शुद्ध भोजन ही करना सर्वोत्तम रहेगा,आँवला(किसी भी रूप में खाएं-आंवले का विटामिन ‘सी’ कभी नष्ट नहीं होता,चाहे भूनें,उबालें,पीसें,सुखाएं या पाउडर बनाएं।),फल (खासकर खट्टे फल खाएं-लेकिन दोपहर में ही),सभी तरह की हरी सब्जियां,दालें, गुड़,शुद्ध तेल कोई भी(रिफाइंड नहींं),तुलसी व अन्य आयुर्वेदिक पेय पदार्थ भी उपयोगी हैं तो दूध,दही व लस्सी,घी इत्यादि भी इसे बढ़ाते हैं।
अब शरीर की प्रतिरोधकता घटाने वाली चीजें-मैदा (सबसे विनाशकारी/कब्जकारी पदार्थ,किसी भी रूप में जैसे ब्रेड,नान,भटूरे, बर्गर,पिज़्ज़ा,जलेबी, समोसा,कचौरी इत्यादि) बिल्कुल भी न खाएं। ऐसे ही रिफाइंड आयल बिल्कुल न खाएं,यह प्रतिरोधक क्षमता को मारता है। चीनी बिल्कुल नही खाएं,बाहर का कोई भी जंक-फूड न खाएं,एल्युमीनियम के बर्तनों में भी खाना बनाना बन्द करने में ही भलाई है,बीडी-सिगरेट पीना और तम्बाकू-गुटखे खाना छोड़ दीजिए-क्योंकि यह लत शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है,किसी भी प्रकार का कोल्ड-ड्रिंक बिल्कुल नही पीएं। इसकी जगह आम का पना,नींबू शरबत (शिकंजी),सत्तू घोल,खांड का शरबत आदि प्रयोग कर सकते हैं।
आप इन बातों को अपनाकर अपनी प्रतिरोधकता इतनी मजबूत बना सकते हो, कि हर प्रकार की बीमारी को मात दे सको,साथ ही यह निवेदन भी-आपको ‘२ गज की दूरी,मॉस्क है जरूरी’ का पालन हर हालत में करते रहना है,क्योंकि आप अपनी मजबूत प्रतिरोधकता के चलते दूसरों को तो संक्रमित कर ही सकते हैं। ‘बेवजह बाहर मत निकलिए’-‘भीड़ का हिस्सा मत बनिए’,क्योंकि खतरा अभी टला नहीं है। इसके अलावा टीका ज़रूर लगवाएं,क्योंकि इससे विषाणु की कड़ी को तोड़ने में काफी हद तक मदद होगी।
फिर यही बात कि,जब तक कोई व्यक्ति अपने रक्षा संस्थान को तैयार नहीं कर लेता,तब तक वह सुरक्षित नहीं है,क्योंकि आपकी अपनी प्रतिरोधकता ही हर बीमारी की दवाई है।

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