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हे देवी माँ,वरदान दे

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ 
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)

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हे देवी माँ,

तू भय भव भंजक!

जगत कल्याणी है,

दुष्टों की दुर्गा काली

भक्तों की रखवाली है!

शक्ति दे मुझे अपनी,

भक्ति का भाव भाग्य दे!!

माँ शारदेय

मैं आया तेरे द्वार,

तुझे पुकारते

मैं तेरी संतान,

सुन पुकार!

मेरी कामना का वर,

वरदान दे!!

खोजता भटकता,

सारे जहां में

आ गया हूँ,

तेरे द्वार

तेरी ज्योति के,

उजियार में!!

जिंदगी की दुश्वारियां,

बहुत मैं आ गया

जिंदगी चाहतों

की राह में,

तेरी ममता

आँचल की छाँव में!!

माँ शारदेय

मैं आया तेरे द्वार,

तुझे पुकारते

मैं तेरी संतान!

सुन पुकार

मेरी कामना का

वर वरदान दे!!

हो गया हो गर

कहीं अपराध,

तेरी सेवा पूजा

सत्कार में,

तेरा ही वात्सल्य हूँ

कर क्षमा,

दया का आशीर्वाद दे!!

तू तो जगजननी,

सदगुण ही जानती

तू अपनी संतान में,

मेरे दुर्गुणों को

सदगुणों में निखार दे!!

माँ शारदेय,

मैं आया तेरे द्वार

तुझे पुकारते मैं,

तेरी संतान सुन पुकार

मेरी कामना का

वर वरदान दे!!

लालसा बहुत

मानवीय स्वभाव में,

तेरी भक्ति का भाव

शक्ति धन धान्य में,

मेरी चाहत

सिर्फ तू रहे,

आत्म प्रकाश में

आत्म के प्रकाश में!!

माँ शारदेय,

मैं आया तेरे द्वार

तुझे पुकारते

मैं तेरी संतान!

सुन पुकार

मेरी कामना का

वर वरदान दे!!

साध्य साधना

आराधना मेरी,

कर्म धर्म ज्ञान

के वैभव

वैराग्य में,

माँ मेरी तू अपनी

ध्यान ज्ञान की भक्ति

की शक्ति का,

मुझे वर दान दे! !

माँ शारदेय

मैं आया तेरे द्वार,

तुझे पुकारते मैं

तेरी संतान सुन

पुकार,

मेरी कामना का वर

वरदान दे!!

तू भय भव,

भंजक जग कल्याणी

दुष्टों की दुर्गा काली,

भक्तों की रखवाली

शक्ति दे अपनी,

भक्ति का भाव

भाग्य दे!!

माँ शारदेय,

मैं आया तेरे द्वार

तुझे पुकारते,

मैं तेरी संतान!

सुन पुकार,

मेरी कामना का वर

वरदान दे!!

परिचय-एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम पीताम्बर है। इनकी जन्मतिथि १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन,बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।

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