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१४ श्रेष्ठ रचनाकार ‘साहित्योदय श्रम साहित्य सम्मान’ से अलंकृत

मधुपुर(झारखंड)।

अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम साहित्योदय द्वारा ‘मजदूर दिवस’ के मौके पर लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें शामिल रचनाकारों में से १४ श्रेष्ठ को ‘साहित्योदय श्रम साहित्य सम्मान’ से अलंकृत किया गया।
संस्थापक कवि पंकज ‘प्रियम’ ने बताया कि वैश्विक आपदा की इस घड़ी में साहित्योदय परिवार ‘कोरोना’ से जंग-साहित्योदय के संग मुहिम के तहत अपने रचनाकारों की सृजनशीलता से लगातार जनजागरण अभियान चला रहा है। इसी कड़ी में मजदूरों की पीड़ा को उकेरती रचनाओं की प्रविष्टि २५ अप्रैल तक आमंत्रित की गई थी। ६ सदस्यीय निर्णायक मण्डली ने श्रेष्ठ रचनाओं को उनकी भाषा, शिल्प,भाव,वर्तनी और कथ्य की दृष्टि से परीक्षण कर परिणाम की घोषणा की। साहित्योदय के व्हाट्सप्प पटल पर कवि सम्मेलन के बाद चयनित रचनाकारों को सम्मानित किया गया। पहले स्थान पर जयपुर (राजस्थान)की अर्चना झा,द्वितीय स्थान पर असम की डॉ. भारती वर्मा बौड़ाई और तृतीय स्थान पर राँची की रश्मि सिंह,संगीता सहाय, बहराइच(उत्तरप्रदेश) के सुनील कुमार और राँची की सविता गुप्ता रहे। आपने बताया कि,दमोह (मप्र)की पदमा ओजेन्द्र तिवारी,बेलगाँव(कर्नाटक) के डॉ. सुनील परित,बगोदर के संजय बरनवाल,तिसरी के संजय कुमार विश्वास,राँची की मुनमुन ढाली,रायपुर (छत्तीसगढ़)की अनिता झा,सरगुजा(छतीसगढ़) से अनिता मंदिलवार ‘सपना’ और शेखर तिवारी को श्रेष्ठ सृजन हेतु सम्मान दिया गया। बतौर विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार अनिता रश्मि,उदयशंकर उपाध्याय और प्रमिला श्री तिवारी ने सभी को सम्मानित किया। अध्यक्षता कर रहे संस्था के मार्गदर्शक जयप्रकाश राज,सचिव अनिता सिद्धि, प्रबन्ध निदेशक संजय करुणेश,सञ्चालक मंडल सदस्य गीता चौबे गूँज और अध्यक्ष पंकज ‘प्रियम’ ने भी सम्मान-पत्र दिया।

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