पूज्य पिता जी की बाँहों में,
जीने का किरदार छिपा हैll
ममतामई माँ के ‘रिश्ते’ में,
अमर प्रेम संसार छिपा हैll
बहिना के राखी धागों में,
पूजा पुण्य प्रणाम छिपा हैll
नमन वंदना करके देखो,
सच में चारों धाम छिपा हैll
पिता-पुत्र के ‘रिश्ते’ में,
साहस त्याग निदान छिपा हैll
माता पुत्री के ‘रिश्ते’ में,
प्रबल प्रेम प्रधान छिपा हैll
पति-पत्नी के भी ‘रिश्ते’ में,
दोनों दिल की चाह छिपी हैll
दादा-दादी के ‘रिश्ते’ में,
दर्द दुआ परवाह छिपी हैll
भाई-भाई में,बहिन-बहिन में,
जीवनभर का प्यार छिपा हैll
नाना-नानी में,मौसा-मौसी,
अति उत्तम उदगार छिपा है॥
‘रिश्ते’ सभी सलामत रखना,
‘रिश्तों’ में परिवार छिपा हैll
‘रिश्ते’ में आदर अभिनंदन,
मंगल मंगलचार छिपा हैll
कहीं टूट न जाये ‘रिश्ते’,
जीवन का आधार छिपा हैll
गंगा-जमुना,मथुरा-काशी,
पावन हरि का द्वार छिपा हैll
परिचय : कृष्ण कुमार सैनी ‘राज’ की शिक्षा एम.ए.(राजनीति विज्ञान) और बीएसटीसी(जयपुर )है। आपकी जन्म तिथि-२८ अप्रैल १९९५ है,और पिताजी द्वारा स्थापित फूलों के व्यवसाय को आप भी सम्भालते हैं। निवास राजस्थान राज्य के जिला दौसा स्थित मारुति कालोनी में है। श्री सैनी की रुचि कविता,ग़ज़ल,गीत,शायरी,मुक्तक,व्यं
ग्य लिखने में है तो भजन-कीर्तन सुनने का भी शौक है। सम्मान और साहित्यिक उपलब्धि में आपके खाते में बीकानेर में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन(२०१६)में काव्य पाठ करने-सम्मानित होने का सौभाग्य है तो दौसा और जयपुर में भी कवि सम्मेलन में पाठ किया है। जयपुर में २०१६ में कवि सम्मेलन में चंचरीक स्मृति सम्मान,जिले लखीमपुर खीरी में २०१७ में माधव वाजपेयी स्मृति सम्मान,अयोध्या में युवा प्रतिभा सम्मान सहित रचना शतकवीर सम्मान तथा कवि चौपाल सम्मान आदि हैं। आप बीकानेर की साहित्यिक संस्था से दौसा के शाखा अध्यक्ष एवं संस्थापक हैं। सेवा कार्यों में सक्रिय होकर सेवा समिति के माध्यम से गरीबों के लिए भोजन,कपड़ा एवं आवश्यक वस्तुओं का वितरण एवं गर्मियों में जगह जगह पानी व शरबत की प्याऊ लगाते हैं। बच्चों एवं बड़ों को योग सिखाने का कार्य एवं निःशुल्क वृक्ष वितरण,घायल व बीमार पक्षियों का निःशुल्क इलाज करना तथा मासिक काव्य गोष्ठी करना भी शामिल है।