बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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दोबारा मिलता नहीं,यह जीवन अनमोल।
सबसे मिलना प्रेम से,देना मीठी बोल॥
देना मीठी बोल,जगत में हँसना गाना।
जीवन के दिन चार,सभी से प्रीत निभाना॥
कहे ‘विनायक राज’,बिताना जीवन सारा।
धर्म करो उपकार,नहीं मिलता दोबारा॥