डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह एक रिश्ता नहीं,
प्रेम और विश्वास का
सबसे खूबसूरत उपहार है,
जीवन में खुशहाली लाने का
सबसे अनूठा प्यार है।
यह रक्त में डूबे हुए,
दो भाईयों का अनन्त सम्बन्ध है
यह अन्तिम सफ़र तक का,
एक खुशनुमा अनुबंध है।
भाई-भाई के प्यार की कहानी,
दुनियाभर में मशहूर है
अन्तर्मन में मौजूद भावनाओं की,
बन चुकी दस्तूर है।
इस प्यार, स्नेह और सम्मान को,
सदैव सलाम करते हैं लोग
मिसाल पेश करते हुए,
सारे जहां में थकते नहीं हैं लोग।
यह प्यार और स्नेह संग,
अटूट विश्वास का प्रतीक है
नवजीवन से नवयौवन तक सफ़र में,
निकटता दिखती यहाँ सबसे अधिक है।
यहाँ प्रेम अनुशासन सीख,
आचार और व्यवहार की
बड़ी उन्नत सीख मिलती है,
भाईयों के बीच सम्बन्धों में
निकटता हर वक्त,
सबको बड़ा करीब रखती है॥
परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।